चित्तौड़गढ़. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के कई गांवों में अफीम की फसल होती है. इन दिनों अफीम के डोडे पर चीरे लग रहे हैं. अफीम की खेती के लिए हर वर्ष वित्त मंत्रालय से अफीम पॉलिसी जारी होती है और इसकी खेती की देखरेख केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो करता है. इन दिनों अफीम के खेतों में फसल पर डोडे आ गए हैं. किसान लुराई व चिराई कर उत्पादन ले रहे हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय युवा मंच के पूर्व जिलाध्यक्ष राजमल सुखवाल ने बताया कि सांसद सीपी जोशी ने सोमवार को कसाराखेड़ी (काराखेड़ी) अफीम खेत पर पहुंचे और फसल का निरीक्षण किया.
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यहां चीरा लगाने के कार्य का देवी पूजन कर शुभारम्भ किया और किसानों की खुशहाली की कामना की. साथ ही किसानों को फसल की उपज में आ रही समस्याओं को बारीकी से जाना और उनके निवारण का आश्वासन भी दिया. इस दौरान सांसद के साथ डेयरी चेयरमैन और जिला परिषद सदस्य बद्रीलाल जाट ने भी किसानों की समस्याओं से सांसद को अवगत कराया और चीर लगाने के कार्य का श्री गणेश कराया.
अफीम किसानों ने सांसद का मार्फिन की मात्रा के नियम में कमी कराने और विभिन्न कारणों से कटे पट्टों की बहाली कराने को लेकर स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया. सांसद के साथ युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह रूद्र, सांसद प्रवक्ता रघु शर्मा ,बीजेपी जिला उपाध्यक्ष श्रवण सिंह राव, घोसुण्डा मंडल अध्यक्ष दिनेश शर्मा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष जितेन्द्र शर्मा, राधेश्याम कुमावत, रतन जाट रोलाहेड़ा सहित गांव के किसान मौजूद रहे.