चित्तौड़गढ़. पंचायत राज चुनाव में बड़ी सादड़ी विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. यहां चुनाव की बागडोर पूरी तरह से पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता प्रकाश चौधरी संभाल रहे थे. अन्य पंचायत समितियों में तो दूर खुद उनका पुत्र राजा चौधरी तक हारते-हारते बचा. वे इसके गम से बाहर निकल भी नहीं पाए कि प्रतापगढ़ के विधायक रामलाल मीणा के रडार पर आ गए.
इस संबंध में हाईकमान को भेजे पत्र में मीणा ने न केवल विदा बड़ी सादड़ी विधानसभा क्षेत्र में हार के लिए चौधरी को जिम्मेदार बताया बल्कि प्रतापगढ़ जिला प्रमुख चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने का भी आरोप लगाया गया है. अपने पत्र में विधायक मीणा ने चौधरी की वफादारी पर सवाल उठाते हुए उनके निष्कासन तक की मांग कर डाली. राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन को भेजे पत्र में विधायक मीणा ने साफ कहा जिला प्रमुख चुनाव के दौरान चौधरी ने अपने समर्थक एक सदस्य को उठा लिया और पार्टी के खिलाफ मतदान करवाया.
चौधरी पर शंका, चली ये चाल
विधायक मीणा ने पत्र में कहा कि पार्टी जिला बनने के बाद पहली बार बोर्ड बनाने की स्थिति में आई और 17 में से 9 सीटें मिली थी. हालांकि मुकाबला कांटे का था. केवल 1 वोट का डिफरेंस था लेकिन मुझे पूर्व विधायक चौधरी को लेकर आशंका थी. ऐसे में अपने प्रयासों की बदौलत भाजपा में सेंध लगाई और तीन सदस्यों को पार्टी के पाले में लाया गया. चुनाव के लिए 2 को कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग के लिए राजी किया तो एक को अपना मत पत्र खाली छोड़कर आने को कहा. जब रिजल्ट आया तो शंका सही निकली.
कांग्रेस को केवल 10 वोट मिले जबकि सेंधमारी के बाद हमारे मत 11 होने चाहिए थे. विधायक मीणा ने कहा कि चुनाव से पूर्व उन्होंने पूर्व मंत्री धर्मेंद्र राठौड़ एवं मंत्री उदयलाल आंजना के साथ चौधरी के समर्थक हुक्मीचंद मीणा से खूब अनुनय-विनय किया था परंतु हुक्मीचंद का वोट पार्टी को नहीं मिला. गनीमत रही कि हमने पहले से ही भाजपा में सेंधमारी कर ली थी अन्यथा इस बार भी पार्टी का शायद ही जिला प्रमुख बन पाता. विधायक मीणा ने अपने पत्र में पूर्व विधायक चौधरी को गद्दार की संज्ञा देते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है.