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चित्तौड़गढ़ के सोनियाना में हुई लठमार होली, ग्रामीणों में दिखा उत्साह

जिले के गंगरार उपखंड क्षेत्र में स्थित देव नगरी सोनियाना में रविवार को अष्ठमी के अवसर पर लठमार होली का आयोजन किया गया. वर्षों से जारी लठमार होली को देखने के लिए ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला. आयोजन स्थल व आस-पास के भवनों ओर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई. लोगों ने उत्साह से लठमार होली का आनंद उठाया.

Lathmar Holi celebration in chittorgarh
चित्तौड़गढ़ के सोनियाना में हुई लठमार होली

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Published : Apr 5, 2021, 3:29 AM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के गंगरार उपखंड क्षेत्र में स्थित देव नगरी सोनियाना में रविवार को अष्ठमी के अवसर पर लठमार होली का आयोजन किया गया. वर्षों से जारी लठमार होली को देखने के लिए ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला. आयोजन स्थल व आस-पास के भवनों ओर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई. लोगों ने उत्साह से लठमार होली का आनंद उठाया.

चित्तौड़गढ़ के सोनियाना में हुई लठमार होली

जानकारी के अनुसार, देव नगरी के नाम से पहचान रखने वाले सोनियाना गांव कई वर्षों से बरसाने की तर्ज पर होली की परंपरा है. चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार उपखंड क्षेत्र में स्थित सोनियाना गांव लठमार होली के लिए भी जाना जाता है. महिलाओं को सम्मान देने का पर्व सोनियाना में रविवार को लठमार होली का आयोजन शाम 5 बजे बाद से किया गया. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार लठमार होली का आयोजन गंगरार उपखंड क्षेत्र के सोनियाना निकटवर्ती गांव में जाट व गुर्जर समाज में खेला जाता हैं. यह आयोजन कई वर्षों से चलता आ रहा है.

पढ़ें:प्रतापगढ़ के टांडा गांव की 'नेजा' लट्ठमार होली, महिलाओं को होती है पूरी आजादी

इस होली में महिलाओं द्वारा पुरुषों पर लठ बरसाए जाते हैं. पुरुष यहां महिलाओं पर पानी डालते हैं और लठ की मार सहन करते हुए बचाव करते हैं. लठमार होली से पहले गांव के बीच में शाम ढलने से पूर्व विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना के साथ पुरुष व महिलाओं की आदि के साथ हनुमानजी के स्थान पर पूजा अर्चना की जाती है. बाद में सभी गांव के चौक में एकत्रित होते हैं. महिलाएं अपनी लाठियों के दम पर पुरूषो को लाठियों से बचने का जतन करते रहते हैं. गांव के बुजुर्गों के अनुसार पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के सम्मानता का दर्जा बना रहे, इसके लिए बुजुर्ग ने इस प्रकार के कार्यक्रम रखे थे. पुराने समय में पुरुष प्रधान समाज में जहां महिलाओं को हर जगह उपेक्षा की जाती थी. इससे महिलाओं के पुरुष सम्मान के प्रति उपजे गीले शिकवे को दूर करने के लिए लठमार होली का आयोजन होता है.

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