चित्तौड़गढ़.शहर के प्रतापनगर में मिठारामजी का खेड़ा से शुक्रवार दोपहर एक साथ तीन अर्थियां निकलीं तो हर किसी की आंखे नम हो गईं. पति, पत्नी और मां तीनों की अर्थी एक साथ निकली. अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. वहीं आस-पड़ोस के लोग रात को हुए हादसे से घबराए नजर आ रहे हैं. तेज धमाके ने पड़ोसियों की नींद उड़ा दी थी. नींद में होने के कारण एक बारगी तो लोग समझ नहीं पाए कि क्या हुआ. बाद में चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे और मंजर देखा तो सिहर उठे.
बता दें कि, जिस मकान में हादसा हुआ, वह मकान पुरुषोत्तम (32) पुत्र स्वर्गीय हीरालाल भांबी का है. हादसे में पुरुषोत्तम, पुरुषोत्तम की पत्नी जमना देवी (30) और इसकी माता सजनी बाई (62) की मौत हो गई. हादसे में पुरुषोत्तम का पुत्र जयदीप (11), पुत्री भूमि (13), छोटा भाई उमेश (30) और साढू का पुत्र सूरज (16) घायल हुए हैं, जिन्हें उदयपुर रेफर किया गया है. सूरज 5 दिन पहले ही मौसी-मौसा के पास आया था. वहीं छोटा भाई उमेश अविवाहित होकर बड़े भाई पुरुषोत्तम के पास ही रह रहा है. हादसे के बाद पूरा परिवार गम में डूब गया.
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जानकारी मिली है कि पुरुषोत्तम का सबसे बड़ा भाई जगदीश अलग रहता है. वहीं हादसे के बाद तीनों के शव जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाए गए. यहां पुलिस ने दुर्घटना का मामला दर्जकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया. तीनों के शव बड़े भाई जगदीश के यहां लाए गए, जहां से तीनों की अर्थी साथ रवाना हुई. अंतिम यात्रा में शामिल सभी की आंखों से आंसू बह निकले तो वहीं परिजनों और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. तीनों की अर्थी डाइट मार्ग स्थित मोक्षधाम पहुंची, जहां तीनों के शव के अंतिम संस्कार किए गए. वहीं बताया जा रहा है कि पुरुषोत्तम पहले मेडिकल पर काम करता था. वहीं तीन महीने पहले ही सेंती में इसने खुद का मेडिकल खोला था.