चित्तौड़गढ़.शहर में एक बैंक की ओर से ग्राहक का सोना ऋण की किश्तें जमा नहीं कराने पर सस्ते में नीलाम करने का मामला सामने आया है. इसकी जानकारी मिली तो ग्राहक ने बैंक पहुंच कर हंगामा खड़ कर दिया. गोल्ड लोन लेने वाले प्रार्थी का आठ तोला सोना जो करीब तीन लाख रुपए का है. उसे बैंक ने मात्र 1 लाख 24 हजार रुपए में नीलाम कर अपने पैसे की भरपाई कर ली.
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ग्राहक का आरोप है कि दो किश्त ही बाकी थी लेकिन बैंक ने बिना कोई नोटिस दिए सोना नीलाम कर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाया हैं. बैंक से दस्तावेज और सोने के बारे में बातचीत करने गए परिवार को संतोषप्रद जवाब नहीं मिला तो वे धरने पर बैठ गए. बैंक में हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और समझाईश की.
वहीं प्रार्थी ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है जिस पर जांच की जा रही हैं. बैंक के जिम्मेदार कर्मचारियों ने नियमानुसार सोना नीलाम करने की बात कही लेकिन तीन लाख का सोना मात्र 1 लाख 24 हजार रुपए में ही नीलाम कर देने की बात का संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए.
जानकारी के अनुसार शहर के कुंभानगर निवासी गोपाल कंवर पत्नी गजराजसिंह ने साल 2017 में चित्तौडगढ़ के भीलवाड़ा मार्ग स्थित कोटक महिन्द्रा बैंक से 1 लाख 16 हजार रुपए ऋण लिया. इसके बदले में उन्होंने अपने 8 तोला वजनी सोने के आभूषण गिरवी रखे थे. इसके बाद से ये लगातार किश्त जमा करवा रहे थे. तो कभी समय पर नहीं भी करवा पाए.
कोटक महिन्द्रा बैंक ने प्रार्थी का सोना सस्ते में बेचा वहीं एक साल पूर होने पर उन्होंने 3 अक्टूबर 2018 को किश्तें पूरी कर ऋण को रिन्युल करवा लिया था. इस बार दो-तीन माह से ये किश्तें जमा नहीं करवा पाए थे. गोपाल कंवर सोमवार को 1 लाख 40 हजार रुपए लेकर बैंक पहुंची तो पता चला कि उसके आठ तोला वजनी सोने के आभूषण बैंक ने 1 लाख 24 हजार में ही नीलाम कर दिए. यह जानकारी मिली तो गोपाल कंवर के होश उड़ गए. उसने घर जाकर परिजनों से बात की.
इस पर मंगलवार को गोपाल कंवर अपने पति गजराजसिंह, पुत्री और अन्य रिश्तेदार के साथ बैंक पहुंची और सोना व दस्तावेज के बारे में संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर बैंक की सीढिय़ों पर धरना देकर नारेबाजी की. बाद में इस सम्बंध में कोतवाली थाने में भी रिपोर्ट दी गई. सूचना मिलने पर कोतवाली थाने का जाब्ता बैंक पहुंचा तो यहां मजमा लग गया. पुलिस ने इस मामले को लेकर प्रार्थी को थाने में रिपोर्ट देने को कहा है.
प्रार्थिया गोपाल कवंर ने बताया कि उन्होंने ऋण लेकर बैंक में आठ तोला सोना रखा था और बराबर ब्याज जमा करवा रही थी. दो माह में सितम्बर में भी साढ़े तीन हजार रुपए भी जमा करवा दिए. माताजी का निधन हो गया तो दो माह बाद आई थी. कल पैसे लेकर सोना लेने आई थी तो बैंक वाले बोले कि हमनें सोना बेच दिया. इन्होंने सोना बेचने की कोई सूचना नहीं दी है.
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इस दौरान उन्होंने कहा कि साढ़े तीन-चार लाख का सोना था और 1 लाख 24 हजार रुपए में ही बेच दिया. इधर, बैंक के असिस्टेंट मैनेजर अक्षय सोनी का कहना है कि ऋण लेने के लिए सम्बंधित पता दिया है उस पर हमनें तीन नोटिस भेजे हैं. उसके बाद ही सोना नीलाम किया है. 1500 रुपए शेष थे और दो माह का ब्याज और भी था. सोना नीलामी में हमनें प्रक्रिया को अपनाया है. किसी को हमने फायदा नहीं पहुंचाया है. 1 लाख 16 हजार का ऋण है और अधिकतम बोली 1 लाख 24 हजार रुपए लगी थी.