चित्तौड़गढ़.जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कन्टेनमेंट जोन एवं माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाते समय विवेक से काम करें एवं रियलिटी भी चेक करें. माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने का कार्य महज कागजी खानापूर्ति का न होकर प्रैक्टिकल होना चाहिए, ताकि कोरोना को वहीं रोका जा सके. उन्होंने प्रोटोकोल और गाइडलाइन के अनुरूप माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने एवं इन इलाकों में सख्ती से लोगों की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अधिक संवेदनशील इलाकों पर ध्यान दें, इंटरस्टेट बोर्डर पर आने वाले लोगों का आवश्यक रूप से फॉर्म संख्या- 4 भरवाएं. इसमें उसका पूरा पता अंकित करें, ताकि आवश्यक होने पर उस व्यक्ति तक पहुंचा जा सके. कलेक्टर ने कहा, सभी अधिकारी नियमित रूप से संवाद करें, आंकड़ों को देखने, ग्राम पंचायत स्तर कर आंकड़ों को बांटकर मॉनिटरिंग करें और हर पॉजिटिव व्यक्ति तक इलाज, दवाई आदि पहुंचाएं एवं लापरवाह लोगों पर कार्रवाई करें.
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कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी सप्ताह में कम से कम दो बार संवेदनशील इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर फ्लैग मार्च करें. अधिकारी बातचीत करते रहें और ग्राउंड से फीडबैक लेते रहें, इससे इन्फोर्मेशन सिस्टम बेहतर होगा. अधिकारी आमजन के फोन अटेंड करें, अगर व्यस्त हैं तो उसे कॉल-बैक करें, लेकिन बात जरूर करें, इससे काफी उपयोगी सूचनाएं मिलेंगी. घटना होने से पहले उसे रोकना अधिक आवश्यक है.