चित्तौड़गढ़. सैनिक स्कूल का कर्नल बनकर एक व्यापारी के साथ 17000 रुपए साइबर ठगी का मामला सामने आया है. हालांकि सर्वर में गड़बड़ी बताते हुए ठग द्वारा और भी राशि मांगी गई, लेकिन अंतिम समय में व्यापारी को शक हो गया और साइबर थाने पर रिपोर्ट देने पहुंच गया. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद साइबर पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है.
नटवर सिंह परिहार की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि वह सीमेंट व्यापारी है और चित्तौड़ी गांव में उसकी सीमेंट सप्लाई की दुकान है. शुक्रवार को दुकान अचानक एक फोन आया. संबंधित व्यक्ति ने अपने आप को कर्नल लक्ष्मण सिंह बताया और कहा कि चित्तौड़गढ़सैनिक स्कूल में 50 बैग सीमेंट की जरूरत है. प्रति बैग 345 रुपए कीमत निर्धारित होने के बाद उसने 50 बैग सीमेंट भरकर ट्रैक्टर-ट्रॉली सैनिक स्कूल के बाहर भेज दी.
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इस बीच जैसे ही ट्रैक्टर-ट्रॉली सैनिक स्कूल गेट के पास पहुंची, उस व्यक्ति का फिर से फोन आया और कहा कि गेट का पास बनाना है. उसके लिए व्हाट्सएप पर एक आर्मी चेक का स्केनर भेजा जा रहा है. उस पर स्कैन कर 1 रुपया ट्रांसफर करना है. नटवर सिंह ने भी तत्काल ही 1 रुपया ट्रांसफर कर दिया. उसके बाद उस व्यक्ति का फिर से कॉल आया और कहा कि 17249 रुपए ट्रांसफर करने हैं. नटवर सिंह ने ये रुपए ट्रांसफर कर दिए. इसी दौरान ठग द्वारा रुपए नहीं आने की बात कही गई. जब नटवर सिंह ने अपने अकाउंट से 17249 रुपए कटने के बारे में बताया तो ठग ने सर्वर डाउन होने की वजह से रुपए उसके खाते से कटने की बात कहते हुए 34000 रुपए और भेजने को कहा.
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यह सुनकर नटवर सिंह का माता ठनका और उसने तत्काल अपने ट्रैक्टर ड्राइवर से स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड से कर्नल का नाम पता पूछने को कहा. इस पर सामने आया कि इस नाम से सैनिक स्कूल में कोई नहीं रहता और ना ही किसी ने सीमेंट का आर्डर दिया है. नटवर सिंह के खाते से जिस खाते में राशि गई वह केनरा बैंक का खाता है. नटवर सिंह ने तुरंत ही साइबर क्राइम के टोल फ्री नंबर 1930 पर फोन कर अपने साथ घटी घटना के बारे में बताया. बाद में पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी दी. पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है.