चितौड़गढ़.हिन्दुस्तान जिंक की इकाइयों और माइंस से आवश्यक उत्पादन होने के कारण लॉकडाउन के दौरान भी प्लांट संचालित करने की अनुमति सरकार ने दी है. ऐसे में हिंदुस्तान जिंक के प्लांट में उत्पादन हो रहा है, लेकिन यहां कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर सरकार की ओर से जारी आवश्यक निर्देशों की पालना भी की जा रही है. जिससे कोरोना के संक्रमण का खतरा नहीं रहे. साथ ही प्लांट में पहले तो मांग के अनुसार उत्पादन होता था, लेकिन अब सरकार की आवश्यकता के अनुसार उत्पादन हो रहा है.
भारत सरकार ने लॉकडाउन की अवधि में राष्ट्रीय महत्व के कुछ उद्योगों को अपनी गतिविधियां संचालन के लिए छूट प्रदान की है. जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति संभव हो सके. इसी कड़ी में हिंदुस्तान जिंक की इकाइयों का आवश्यक शर्तों के साथ संचालन किया जा रहा है. जिले में पुठोली स्थित इस इकाई में जिंक, लेड और सल्फ्यूरिक एसिड खाद, दवाइयां बनाने और अन्य आवश्यक वस्तुएं बनाने में काम आने वाले पदार्थ तैयार होते हैं. साथ ही जिंक में ही पावर प्लांट भी है, जिससे बिजली का उत्पादन होता है.
इसी उत्पादित बिजली से प्लांट चलता है और घोसुण्डा बांध भी भेजा जाता है. दूसरी तरफ कुछ बिजली सरकार को भी आपूर्ति की जाती है. वैसे तो सामान्य दिनों में यह प्लांट 24 घंटे चलता है. यहां करीब 3 हजार ठेका कर्मी और करीब 800 नियमित कर्मचारी काम करते हैं. हिंदुस्तान जिंक के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान यह प्लांट सरकार के आदेश के अनुसार दो शिफ्ट में ही चल रहा है. इसमें भी 300 से 400 कर्मचारी ही आ रहे हैं. ऐसे में एक चौथाई श्रमिक ही प्लांट में काम कर रहे हैं. ये भी सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहे हैं.
प्रतिदिन हो रही कर्मचारियों की स्क्रीनिंग