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देश में राजस्थान एकमात्र राज्य, जहां सबसे अधिक दिया जाता है गौशालाओं को अनुदान : सुमेर सिंह राजपुरोहित

सुमेर सिंह राजपुरोहित का मानना है कि देश में राजस्थान एकमात्रा ऐसा राज्य है, जहां गौशालाओं को सबसे अधिक अनुदान दिया जाता है. चित्तौड़गढ़ में राजस्थान गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष ने और क्या कहा, यहां जानिए...

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Published : Apr 26, 2023, 7:50 AM IST

Published : Apr 26, 2023, 7:50 AM IST

Sumer Singh Rajpurohit
सुमेर सिंह राजपुरोहित

चित्तौड़गढ़.राजस्थान गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष सुमेर सिंह राजपुरोहित मंगलवार को चित्तौड़गढ़ पहुंचे थे. उन्होंने यहां ग्रामीण विकास अभिकरण में जिले के तमाम गौशाला संचालकों की बैठक लेकर कामकाज की समीक्षा की और सरकार की आगामी योजनाओं के बारे में बताया. जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित ने उनका स्वागत किया और जिले में संचालित गौशालाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

इस मौके पर गौसेवा के लिए फंड जुटाने के बारे में भी पुरोहित ने सुझाव दिए. बाद में आयोग के उपाध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में गौसेवा के नाम पर भाजपा द्वारा की जा रही राजनीति पर हमला करते हुए कहा कि हकीकत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक सच्चे गौभक्त हैं, जिन्होंने न केवल गौशालाओं के लिए अनुदान की सीमा बढ़ाई, बल्कि राजस्थान देश में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां गौशालाओं को सबसे अधिक अनुदान दिया जाता है. सरकार द्वारा आवारा पशुओं की पीड़ा को देखते हुए नंदी शाला और जिला स्तर पर गौशालाएं खोली जा रही हैं.

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सभी 33 जिला मुख्यालयों पर नंदी गौशालाएं खोल दी गईं हैं. वहीं, पंचायत स्तर पर 45 गौशालाएं खोली गई हैं. मुख्यमंत्री ने अपनी बजट घोषणा के अनुरूप ग्राम पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थल खोलने की योजना पर काम शुरू कर दिया. इसके तहत पूरे प्रदेश में 1500 पशु आश्रय स्थल खोलने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अंतर्गत 4 बीघा जमीन का आवंटन किया जाएगा. वहीं, लगभग एक करोड़ रुपये तक अनुदान दिया जाएगा. गौशाला विकास कोष के अंतर्गत टीन शेड, चारा गोदाम आदि के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान देने का प्रावधान है. गौशालाओं में पशुओं के पेयजल की समस्या को देखते हुए सरकार ने 90 करोड़ रुपये का फंड रखा है. जहां पर भी पेयजल की समस्या होगी वहां नलकूप खनन के साथ अन्य व्यवस्था की जाएगी, ताकि पानी को लेकर गौशालाओं को परेशानी नहीं उठानी पड़े.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि गौशालाओं के लिए जमीन आवंटन पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में एक उप समिति गठित की गई है. यह समिति नंदी गौशालाओं को किस प्रकार आसानी से जमीन का आवंटन किया जा सकता है को लेकर नियमों के सरलीकरण पर विचार कर रही है. शीघ्र ही इसकी दूसरी मीटिंग होने वाली है, जिसमें काफी हद तक इसका खाका तैयार होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ में 44 गौशाला संचालित हैं, जिनमें से 22 को अनुदान दिया जा रहा है.

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