चित्तौड़गढ़.युवा अक्सर ये सोचते हैं कि उनकी शादी शाही तौर-तरीके और ठाठ-बाट से हो. शादियों का खर्च दिखावे के नाम पर लाखों में पहुंच जाता है. किसी को डेस्टिनेशन वेडिंग की चाह होती है, जिसमें करोड़ों तक का खर्चा भी होता है. कई लोग शादी में दहेज की मांग करते हैं. कुछ शादियों में तो दुल्हन के पिता की ओर से दहेज की रकम का इंतजाम नहीं होने पर बारात बैरंग भी लौट जाती है. ऐसे में चित्तौड़गढ़ में एक दूल्हे ने इन सब से हटकर एक नई मिसाल पेश की है.
यहां दूल्हे ने सामाजिक संदेश देते हुए अपना तिलक दस्तूर सादगीपूर्ण मनाकर सबका दिल जीत लिया और एक आदर्श कायम किया. दूल्हे ने शादी में दहेज नहीं लिया. साथ ही ससुराल पक्ष की ओर से दिए 1 लाख 11 हजार रुपए भी लौटा कर सभी के सामने अनुकरणीय मिसाल पेश की है.
जानकारी के अनुसार जिले में भाटियों का खेड़ा निवासी बसंत सिंह भाटी के पुत्र कुलदीप सिंह भाटी की शादी शुक्रवार को तय है. बारात सुबह चौबेजी का कंथारिया के नारायणसिंह राणावत के यहां गई. जहां कुलदीप का तिलक दस्तूर किया गया. इस दौरान दुल्हन के पिता ने एक लाख ग्यारह हजार रुपए दिए, लेकिन दूल्हे ने दुल्हन के पिता को रुपए लौटा दिए.