कपासन (चित्तौड़गढ़).मेवाड़ अंचल का प्रसिद्व गंवरी नृत्य भी कोरोना की मार से अछुता नहीं रहा है. कोरोना के चलते इस नृत्य को भी ग्रहण सा लग गया. फिर भी देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए सोनियाना गांव में बुधवार को कलाकारों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर गवरी नृत्य का मंचन किया.
रक्षाबंधन के अगले दिन से शुरू होने वाला ये नृत्य श्राद्व पक्ष के अंतिम दिन तक आयोजित होता है. कलाकार गांव-गांव जाकर इस नृत्य का मंचन करते हैं. देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए ये नृत्य एक गोले में किया जाता है. इस नृत्य की एक विशेषता ये है कि इसमें कोई भी महिला अभिनय नहीं करती है. पुरूष ही महिला का अभिनय करते हैं. वहीं, इसका सारा खर्चा ग्रामिण वहन करते हैं.