चित्तौड़गढ़ में फूड प्वाइजनिंग से दर्जनों बालिकाएं बीमार चित्तौड़गढ़. जिले के डूंगला में स्थित कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बासी खाना खिलाने से दर्जनों बालिकाओं की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें बुधवार सुबह का खाना बुधवार शाम को खिला दिया गया था. जिसकी वजह से एक एक करके बालिकाओं की तबीयत बिगड़ने लगी. अचानक हुए इस घटनाक्रम से विद्यालय प्रशासन में खलबली मच गई. आनन फानन में बच्चियों को डूंगला चिकित्सालय ले जाया गया. जहां 15 बच्चियों की गंभीर हालत को देखते हुए चित्तौड़गढ़ हायर सेंटर रेफर कर दिया गया.
बालिकाओं का कहना था कि उन्होंने सुबह का भोजन रात में दिए जाने का विरोध भी किया था, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. फिर उन्हें मजबूरन सुबह का बासी खाना डिनर में खाना पड़ा. डिनर के बाद अधिकांश बालिकाओं को पेट दर्द के साथ सीने में जकड़न की शिकायत होने लगी. हालांकि अब उनके स्वास्थ्य में सुधार है, लेकिन दो तीन बालिकाओं की हालत स्थिर बताई गई है. चित्तौड़गढ़ में उनकी देखने के लिए विद्यालय के टीचर किशोर कटारा को भेजा गया.
बालिकाओं से हुई बातचीत में सामने आया कि आवासीय विद्यालय में करीब 120 बालिकाएं अध्यनरत हैं. बीते बुधवार सुबह को पूरी और दाल बनाई गई थी. डिनर में भी कुक ने फिर से पूरी और दाल दे दी, जो कि सुबह में बनी हुई थी. इस बारे में जब खाना बनाने वाले के समक्ष आपत्ति जताई गई तो उन्होंने एक नहीं सुनी. मजबूरी में आधे से ज्यादा बालिकाओं ने डिनर में बासी खाना खा लिया जबकि अन्य ने बासी होने के कारण खाना नहीं खाया.
टीचर किशोर कटारा के अनुसार रात करीब 9:00 बजे बालिकाओं की तबीयत बिगड़ने लगी. एक के बाद एक बालिकाओं को पेट दर्द, उल्टी तथा सीने में जकड़न की शिकायत बढ़ने लगी तो प्रिंसिपल विक्रम मीणा को बालिकाओं की हालत से अवगत कराया. इसके साथ ही बीमार बालिकाओं को डूंगला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जिनमें से कुछ बालिकाओं की तबीयत ज्यादा खराब थी. उनमें से 15 बालिकाओं को देर रात हायर सेंटर चित्तौड़गढ़ रेफर कर दिया गया. एक के बाद एक कर चार एंबुलेंस से बालिकाओं को लेकर चित्तौड़गढ़ पहुंची. लगातार बालिकाओं के पहुंचने से हॉस्पिटल प्रशासन में भी हड़कंप मच गया. यहां भर्ती बालिकाओं में सुमित्रा, अंगूरी, लीला, तारा, किरण, नीलू, कृष्णा, सावित्री, दीपिका, सृशा, सीता, तारा, पायल, लक्ष्मी और सोनू शामिल है. इनमें से दो बालिकाओं की हालत अभी स्थिर है जिन्हें सीने में जकड़न की शिकायत बताई गई.
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