चित्तौड़गढ़. पंचायत राज चुनावों के बाद चित्तौड़गढ़ जिला परिषद की पहली बैठक बुधवार को जिला परिषद के ग्रामीण विकास सभागार में आयोजित की गई. बैठक में मनरेगा योजना, मेट लगाने मुद्दों पर काफी हंगामा हुआ. इस दौरान बैठक में नदारद रहे अधिकरियों को नोटिस देने की बात कही गई है.
जानकारी के अनुसार जिला परिषद की बैठक जिला प्रमुख सुरेश धाकड़ की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक के शुरुआत में परिचय प्राप्त किया गया. मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानमल खटीक ने सदन में जिला प्रमुख सहित अन्य सदस्यों को बुके भेंट कर स्वागत किया और दिसम्बर 2019 में बैठक हुई जिसकी अनुपालना रिपोर्ट पेश की. बैठक में पहले एजेंडा रखते हुए ज्ञानमल खटीक ने बताया कि मनरेगा की 21-22 की कार्य योजना 568 करोड़ की है.
मनरेगा योजना में 1 लाख 44 लोग कोरोना में लगे हैं. वहीं 1 लाख 80 हजार एक्टिव जॉब कार्ड है. विकास अधिकारी ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को इस योजना में लगाए. विधायक चंद्रभानसिंह ने छपरा योजना की स्वीकृतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि फाइल सीधे जिला परिषद कैसे आई और जिला परिषद ने कैसे स्वीकृत कर दियाय किसी जनप्रतिनिधियों को क्यों नहीं पूछाय वहीं जिला प्रमुख धाकड़ ने कहा कि सिस्टम में हो वो ही काम करेंय किसी अधिकारी ने गलत तरीके से काम किया तो कार्रवाई करें और जांच करवा कर छपरा योजना के प्रस्ताव को खारिज करें.
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विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने कहा कि मनरेगा में भुगतान अक्टूबर 2019 से बाकी है. इस पर जिला प्रमुख धाकड़ ने कहा कि सरकार को चिट्ठी लिखे. जिला प्रमुख धाकड़ ने सभी विकास अधिकारियों से आग्रह किया है कि फाइलों को रोके नहीं, प्रेम से काम करें, आपस मे खींचातानी नहीं करें, मनरेगा योजना में मस्टरोल देना बीडीओ का काम रह गया है, अपने पद की मर्यादा रखे, गरीब आदमी का काम करो, मनरेगा योजना में ही भाजपा कांग्रेस कर रहे हो, भैंसरोड़गढ़ प्रधान ने मांग उठाई कि मनरेगा में सामग्री बढ़ाए. हमने 100 दिन में 1300 श्रमिक दिए हैं. मार्च तक 5 हजार बढ़ा देंगे. बैठक के अंत में मौसमी बीमारी पर चर्चा शुरू की गई, लेकिन सीएमएचओ नहीं मौजूद नहीं थे. इस पर जिला प्रमुख ने नोटिस देने को कहा गया है.