चित्तौडगढ़.अफीम की फसल इन दिनों पककर तैयार है. अधिकांश खेतों में सफेद फूल खत्म होकर डोडे आ गए, जो पकने को हैं. इधर बादलों की काली छाया किसानों की परेशानी बढ़ा रही है. काले बादल के कारण डोडे में अफीम की मात्रा कम हो जाती है, तो वहीं बरसात और ओलावृष्टि होने की स्थिति में भी फसल खराब होने का डर सता रहा है. फसल पकने के कारण इसमें अब सफेद मस्सी रोग भी घर करने लगा है. इसमें तना सड़कर अफीम का पौधा सूखने लगता है. इससे लाइसेंस कटने का खतरा रहता है.
चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से 20 किलामीटर दूर घोसुंडा बांध के नजदीकी गांव में जमीन में नमी के चलते फसल झुकने की शिकायत लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसान खेतों में फसल तार से बांधकर पौधों को झुकने से रोकने में जुटे हुए हैं.
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वहीं अफीम काश्तकार कृषि विशेषज्ञों की राय लेकर दवा का छिड़काव कर अपनी उपज एवं अफीम लाइसेंस को बचाने की कवायद में जुटे हुए हैं. जानकारी के अनुसार काला सोने के नाम से प्रसिद्ध अफीम की फसल पककर तैयार है.
किसान अपने परिवार से साथ अफीम की फसल की रखवाली के लिए दिन-रात एक कर रहा है. पूरे परिवार का समय खेत पर ही बीत रहा है. अब पौधों से अफीम लेने का समय है लेकिन इन दिनों छाए बादलों ने किसानों की नींद उड़ा कर रख दी है.