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चित्तौड़गढ़: अफीम नीति में बदलाव और फसल खराबे के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन

चित्तौड़गढ़ के कपासन में अफीम नीति में बदलाव और फसल खराबे के मुआवजे की मांग को लेकर सैकड़ों किसानो ने उपखण्ड कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपा.

चित्तौड़गढ़ की खबर, Opium Policy Year 2019 - 20

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Published : Sep 23, 2019, 9:13 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़).जिले में भारतीय अफीम किसान विकास समिति के नेतृत्व में किसानों ने अफीम नीति वर्ष 2019 - 20 को न्याय संगत भ्र्ष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाने और फसल खराबे की मांग प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से की है. इसके साथ ही इस संबंध में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया है.

ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में औषधीय अफीम की फसल की पिछले तीन सौ वर्षों से दवा निर्माण हेतु संवैधानिक तरीके से खेती होती है. जो विश्व में दवाइयों का मुख्य स्त्रोत्र है. लेकिन नेता और अधिकारी मिलकर इसकी नीति भ्रष्टाचार युक्त बना देते है. जिससे देश और किसानों को आर्थिक नुकसान होता है.

किसानों ने किया प्रदर्शन

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बता दें कि किसानों ने नई नीति निर्धारण के लिए मार्फिन नियम समाप्त करने, 1998 से 2019 तक कटे सभी पट्टे जो ऑनलाइन हो चुके है उन्हें नीति 2019 - 20 बहाल करने, अफीम नीति में पांच की हस्ताक्षर युक्त सहभागिता से घोषित करने, अफीम का रेट अंतरराष्ट्रीय रेट से एक लाख रु प्रति किलो किसानों को देने, पारदर्शी जांच हेतु एक सेम्पल किसानों को देने, सहित वर्षा की अधिकता के चलते फसलों के खराबे का मुआवजा दिलाने की माग की है.

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