चित्तौड़गढ़. जिले में इन दिनों अफीम की फसल फूल और फल की स्टेज तक पहुंच चुकी है. जिले में जहां कहीं पर भी अफीम के लाइसेंस से खेती की जा रही है, वहां चारों ओर सफेद फूल ही फूल नजर आ रहे हैं. कई खेतों में फसल फल तक पहुंच चुकी है.
एक तरफ जहां लहराते डोडे देखकर किसान खुशी से झूमते नजर आ रहे है, वहीं दूसरी ओर फसल की सुरक्षा का जिम्मा और भी बढ़ता दिख रहा है. फूल और फल आने के साथ ही मौसम में भी बदलाव देखा जा रहा है. सुबह शाम सर्दी के अलावा दिन में कड़ी धूप फसल के लिए बेहतर मानी जा रही है, लेकिन अगले कुछ दिनों में तेज हवा का दौर भी आने वाला है.
तेज हवा के दौरान फसल के गिरने के आसार बढ़ जाते हैं, इससे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए काश्तकारों की ओर से लोहे के सरिए रोप कर एक-एक पौधे को सपोर्ट देकर मजबूती प्रदान करने की कोशिश की जा रही है. वहीं इस स्टेज में पक्षियों से नुकसान का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे निपटने के लिए फसल को नेट लगाकर सुरक्षित करने के जतन तक किए जा रहे हैं. इसमें फसल के चारों किनारों के साथ-साथ फसल में भी बाकायदा सपोर्ट लगाकर नेट बिछाई जा रही है.