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अपनी मांगों को लेकर अफीम काश्तकारों का धरना-प्रदर्शन, मध्य प्रदेश से भी पहुंचे सैकड़ों किसान

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Published : Aug 17, 2023, 7:44 PM IST

अपनी मांगों को लेकर अफीम काश्तकारों ने चित्तौड़गढ़ के कलक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में मध्य प्रदेश के किसान भी पहुंचे.

farmers demand regarding opium policy, many farmers reached from Madhya Pradesh as well
अपनी मांगों को लेकर अफीम काश्तकारों का धरना-प्रदर्शन, मध्य प्रदेश से भी पहुंचे सैकड़ों किसान

चित्तौड़गढ़. नई अफीम नीति आने से पहले अफीम काश्तकारों ने गुरुवार को अपनी ताकत दिखाई. अपनी मांगों पर मुखर होते हुए राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश के सैकड़ों किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर सरकारी की बेरुखी के प्रति अपनी नाराजगी जताई. हजारों की संख्या में किसानों को देखकर एकबारगी पुलिस अधिकारी भी भौचक्के रह गए. हालत यह थी कि कलक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन के दौरान भी बड़ी संख्या में किसानों के झुंड के झुंड आते रहे.

इस कारण इस एरिया में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई. ऐसे में पुलिस द्वारा कलक्ट्रेट आने वाले सभी मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ गया. किसानों ने कलक्ट्रेट पर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया और चौराहा पर ही धरने पर बैठ गए. अफीम किसान संघ के बैनर तले निम्बाहेड़ा, बड़ीसादड़ी, डूंगला, कपासन, बेगूं सहित अफीम काश्त क्षेत्रों से किसान अलग-अलग वाहनों से एकसाथ मुख्यालय पहुंचे. संगठन के अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा और बड़ीसादड़ी क्षेत्र के भाजपा नेता शंभूलाल मेनारिया के नेतृत्व में चारों ओर से किसान कलक्ट्रेट पहुंचे. यहां किसानों की संख्या को देखकर पुलिस उपाधीक्षक से लेकर तमाम अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात था.

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जाम हो गया ओवरब्रिज: किसानों की संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपने निर्माण के बाद पहली बार ओवरब्रिज को ट्रैफिक के चलते बंद करना पड़ा. पुलिस ने दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही रोक दी. हालत यह थी कि ओवरब्रिज से कलक्ट्रेट तक महारैला पहुंचने के बाद भी किसानों के कदम बढ़ते जा रहे थे. तीन से चार हजार किसानों के महारैली में शामिल होने का अनुमान है.

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मानव श्रृंखला बना जताई नाराजगी: किसानों ने कलक्ट्रेट चौराहा पर मानव श्रृंखला बनाकर सरकार की बेरुखी के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त किया. किसान अपनी मांगों के समर्थन में कड़ी धूप में धरने पर बैठ गए. यहां ट्रैफिक गुमटी से संगठन के नेताओं ने उन्हें सम्बोधित किया. इस दौरान किसानों ने हाथ खड़े कर संगठन की मांगों के प्रति समर्थन जताया.

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ये रखी गई मांगे: किसान नेता दुर्गेश जोशी ने अपने सम्बोधन के दौरान किसानों की स्थिति की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों की तनख्वाह में हर साल बढ़ोतरी की जाती है, लेकिन अफीम काश्तकार आज भी वहीं का वहीं खड़ा है. अफीम की कीमत वर्षों से नहीं बढ़ाई गई. उन्हें प्रति किलो आज भी एक हजार से तीन हजार रुपए प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किया जाता है. जबकि सरकार निर्यात के जरिए कई गुना दाम वसूल रही है.

मेनारिया ने डोडा चूरा मामले पर बोलते हुए कहा कि जब तक इसका उचित दाम नहीं मिलता, डोडा चूरा नष्ट नहीं किया जाएगा. उन्होंने एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/29 को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि इसकी आड़ में किसान पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की लूट का शिकार हो रहा है. ऐसे में इस धारा को हटाना आवश्यक है. इसके बाद किसानों के प्रतिनिधिमण्डल ने जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. जिसमें सीपीएस सिस्टम को बंद करने, 1990 से कटे पट्टों की बहाली सहित कई मांगें शामिल थी.

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