राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

कपासन: अफीम की फसल हंकाई नहीं होने से बढ़ी किसानों की परेशानी - कोरोना वायरस

लाॅकडाउन के चलते चीरे लगी अफीम की फसलों की हंकाई नहीं हो पाई है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. नारकोटिक्स विभाग ने अफीम फसल की देर से बुवाई के चलते जिनमें डोडे नहीं बन पाए, उन्हें तत्काल ही हंकाई कराने की प्रक्रिया चालू कर कई जगह फसल हकवा दी गई.

चितौड़गढ़ की  खबर, opium crop
खेत में लगी अफीम की फसल

By

Published : Apr 6, 2020, 10:12 PM IST

कपासन (चितौड़गढ़).दीपावली के समय बुवाई कर कड़ी मेहनत के साथ पक कर तैयार की थी. अफीम की फसल में मौसमी बीमारियों के चलते कई किसानों ने अपनी फसल को विभागीय निगरानी में हकवाने के लिए 13 मार्च से पूर्व अर्जियां लगा दी थी.

वहीं नारकोटिक्स विभाग ने अफीम फसल की देर से बुवाई के चलते जिनमें डोडे नहीं बन पाए उन्हें तत्काल ही हकाई कराने की प्रक्रिया चालू कर कई जगह फसल हकवा दी गई.

साथ ही फसल हरी होने से डोडे सूखने का इंतजार कर किसानों को पोस्तदाने का फायदा दिलाने की सोच के चलते कुछ समय बाद फसल हकाई की प्रक्रिया चालू होने वाली थी.

इसी बीच कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन की घोषणा होने से नारकोटिक्स विभाग ने हकाई की प्रक्रिया को रोक दिया था. लेकिन अफीम किसानों के लिए डोडे सूखने के बाद अफीम फसल की निगरानी गले की फांस बनी हुई है.

पढ़ें:चित्तौड़गढ़ में दो लाख लोगों की स्क्रीनिंग, एक भी पॉजिटिव नहीं

सूखे डोडो को नशेडियो, तस्करों और चोरों से बचाने के लिए किसान रात-दिन खेतों पर निगरानी रखने को मजबूर हो गया है. जहां एक ओर लाॅकडाउन के चलते अफीम का तौल प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी अप्रैल माह के प्रथम पखवाडे़ में आरंभ होने वाला था जो नहीं हो सका. जिससे किसानों को अपने घरों में रखी अफीम की सुरक्षा के कडे़ प्रबंध करने पड़ रहे है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details