चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण के बाद अब रोगियों में ब्लैक फंगस का डर साफ देखा जा सकता है. खासकर संक्रमण के शिकार वे लोग भी हो रहे हैं, जो डायबिटीज से ग्रस्त हैं. चित्तौड़गढ़ में पिछले 10 दिन के बीच 8 से 9 संदिग्ध रोगी हॉस्पिटल पहुंच चुके हैं. जिनमें से एक को छोड़कर किसी में भी ब्लैक फंगस की पुष्टि नहीं हो पाई, लेकिन उन्हें विस्तृत जांच के लिए उदयपुर रेफर किया गया. कुल मिलाकर राज्य सरकार की ओर से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के साथ ही जिला प्रशासन की ओर से जिला चिकित्सालय में अलग ही वार्ड बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेश शर्मा ने बताया ब्लैक फंगस के लक्षण और बचाव का तरीका पढ़ेंःBlack Fungus : मरीज की मेडिकल हिस्ट्री देखकर ही किया जाए कोरोना का इलाज...वरना मंडरा सकता है ब्लैक फंगस का खतरा
इस अजीब सी बीमारी को देखते हुए अलग-अलग तरह की अफवाहें भी जोर पकड़ रही हैं. इसके मद्देनजर ईटीवी भारत ने नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेश शर्मा से बातचीत की और जाना कि आखिर इस बीमारी के क्या-क्या लक्षण हैं. इससे बचाव के लिए लोगों को क्या-क्या कदम उठाने चाहिए.
बीमारी के लक्षणः
डॉ. शर्मा के अनुसार किसी भी छोटी-मोटी शिकायत को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. यदि नाक से गंदा और बदबूदार पानी निकल रहा है, खून निकलने की शिकायत है, आंखों से पानी निकल रहा हो या फिर आंखों के आसपास सूजन या पुतली का मूवमेंट नहीं हो रहा है या फिर आंख बंद हो रही हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क किया जाना चाहिए.
किसे है ज्यादा खतराः
नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार डायबिटीज पेशेंट को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा रहता है. इसके अलावा जो व्यक्ति एक बार कोरोना की चपेट में आ चुका है और हॉस्पिटल में आइसोलेट रह चुका है या बिना किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर के स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल कर चुके हैं.
यह रखनी होगी सावधानियांः
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शर्मा के अनुसार मधुमेह रोगी को शुगर लेवल बैसेंस रखना चाहिए. कोरोना संक्रमित मरीज को जो ऑक्सीजन दी जा रही है, उस ऑक्सीजन का डिस्टलरी वॉटर बार-बार चेंज किया जाना चाहिए और नली को साफ रखना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के अन्य इंफेक्शन से बचा जा सके.
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अक्सर देखा गया है कि झोलाछाप डॉक्टर रोगी को जल्दी ठीक करने की नियत से स्टेरॉयड का यूज कर लेते हैं, जो बहुत घातक होता है. इसके स्थान पर किसी रजिस्टर्ड फिजिशियन को दिखाकर उपचार लेना चाहिए. डॉ. शर्मा के अनुसार हर किसी रोगी में ब्लैक फंगस नहीं हो सकता. यह एक रेयर डिजीज है. जल्द से जल्द जांच करवा कर इससे बचा जा सकता है.