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133 करोड़ की लागत से पूरा हुआ चित्तौड़गढ़-उदयपुर ट्रैक के विद्युतीकरण का काम

चित्तौड़गढ़-उदयपुर ट्रैक के विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है. इस काम को पूरा करने में 133 करोड़ की लागत लगी. 18 दिसंबर को रेलवे संरक्षा आयुक्त पश्चिम सर्किल सीआरएस आरके शर्मा ने विद्युतीकृत मार्ग का निरीक्षण किया था.

electrification of chittorgarh-udaipur track,  North-Western Railway
133 करोड़ की लागत से पूरा हुआ चित्तौड़गढ़-उदयपुर ट्रैक के विद्युतीकरण का काम

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Published : Dec 21, 2020, 2:39 AM IST

चित्तौड़गढ़. उत्तर-पश्चिम रेलवे की तरफ से पर्यावरण अनुकूल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किए जा रहे हैं. रेलवे विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में भी प्राथमिकता प्रदान की गई है तथा सम्पूर्ण उत्तर-पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 1857 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर चुका है. महत्वपूर्ण रेलखण्ड रेवाड़ी-अजमेर वाया फुलेरा तथा रेवाड़ी-अजमेर वाया जयपुर रेलखण्डों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्री रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है.

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उत्तर-पश्चिम रेलवे, अजमेर मंडल पर उदयपुर-डेट 115 किलोमीटर रेलखण्ड का विद्युतीकरण 133 करोड़ की लागत से पूरा हो गया है. इस रेलखंड को 19 दिसम्बर को रेलवे संरक्षा आयुक्त, पश्चिम सर्किल सीआरएस आरके शर्मा ने रेल संचालन के लिए अनुमोदित कर दिया है. 18 दिसंबर को ही उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक नवीन कुमार परसुरामका सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में इस विद्युतीकृत मार्ग का निरीक्षण किया गया था.

इस विद्युतीकृत मार्ग के अनुमोदन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंडल रेल प्रबंधक नवीन कुमार परसुरामका ने बताया कि इस मार्ग के विद्युतीकरण से राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुड़ाव अजमेर, जयपुर तथा दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रैक से हो जाएगा. इंजन चेंज करने में लगने वाले समय में कमी आएगी. यह रेलखंड इस क्षेत्र से दिल्ली की ओर जाने वाले मार्ग को पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन से जोड़ने में सहायक होगा.

विद्युतीकरण से यात्रियों को होंगे कई फायदे

विद्युतीकरण होने से यात्रियों को कई फायदे होंगे. इससे ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि होगी. साथ ही डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति मिलेगी. विद्युत इंजन की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन कर पाएगा. अधिक ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा.

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