चित्तौड़गढ़.मूलतः मध्यप्रदेश और हाल बेगूं थाना क्षेत्र में रहने वाली एक 15 वर्षीय बालिका के साथ गत माह अपहरण और दुष्कर्म का मामला सामने आया था. किशोरी ने जब अपहरणकर्ताओं से छुपकर फ़ोन करके अपने भाई को इसकी जानकारी दी, तब मां ने पुलिस के सामने बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करवाया. बेगूं पुलिस ने किशोरी को भीलवाड़ा से रेस्क्यू करने के बाद उसका बयान लिया.
मामले में मां बाद के जैसे ही किशोरी ने बयान दिया, लेकिन जब घबराई पीड़िता से बाल कल्याण समिति ने काउंसलिंग की तो पता चला की मात्र 40 हजार में उसकी मां ने उसका सौदा कर दिया था और उसको खरीदने वाले ने जबरन एक लड़के से उसका बाल विवाह करवाया. उस लड़के ने उसके साथ मारपीट और दुष्कर्म भी किया. किशोरी ने बताया कि दुष्कर्मी ने इसके लिए एक महिला को पैसे भी दिए थे. बाल कल्याण समिति ने तुरंत ही पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव को पत्र लिख कर अन्य गंभीर धाराओं में जांच करने के आदेश दिए. इसके बाद इसकी जांच भदेसर डिप्टी अदिति चौधरी को सौंपी गई.
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मामले में अनुसंधान अधिकारी डिप्टी अदिति चौधरी ने मामले की गहराई से जांच की. जांच के दौरान किशोरी की मां भी इस मामले में लिप्त पाई गई. पुलिस ने तुरंत किशोरी की मां को गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा सात अन्य को भी गिरफ्तार किया गया. मामले में बेगूं निवासी बाबूलाल पुत्र भैरूलाल, भीलवाड़ा निवासी घीसालाल पुत्र सोचन्द धाकड़, सिंगोली, नीमच निवासी भूरालाल पुत्र काशीराम धाकड़, पारसोली हाल भीलवाड़ा निवासी नंदूबाई पत्नी भंवरलाल भील, केकड़ी, अजमेर निवासी दिलखुश पुत्र सूरजमल मीणा, हनुमान नगर, भीलवाड़ा निवासी फूलाबई पत्नी मदनलाल मीणा को कुछ दिन पूर्व से गिरफ्तार किया गया. मामले में जुड़े हुए एक अन्य आरोपी हनुमान नगर, भीलवाड़ा निवासी कैलाश पुत्र गणपत मीणा को रविवार के दिन गिरफ्तार किया गया. सभी आरोपियों ने कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी. पॉक्सो कोर्ट में सभी की जमानत खारिज कर दी गई. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है.
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जानकारी मिली है कि काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने बताया कि नंदूबाई प्रार्थिया के घर आई थी. प्रार्थिया की मां को 40 हजार रुपए देने के बदले में 5 दिन के लिए किशोरी को काम से लेकर जाने की बात कही थी. लेकिन उसने बस स्टैंड पर पहले से मौजूद एक आदमी और फूला बाई को सौंप दिया. फुला बाई पारलिया गांव लेकर गई, जहां पहले से शादी की तैयारियां की गई थी. मैंने मौका देख कर अपने घर फोन किया तो भाई ने बताया कि नंदूबाई वापस बेगूं आ गई. पकड़े जाने पर उन लोगों ने किशोरी के साथ मारपीट की और दिलखुश के साथ ज़बरदस्ती शादी करवा दी. दो-तीन दिन तक दिलखुश ने उसके साथ दुष्कर्म किया. किशोरी ने फुला बाई पर उसे दिलखुश को बेचने का आरोप भी लगाया है. किशोरी के बयान से ही खुलासा हुआ कि इन सब में उसकी मां शामिल थी.