चित्तौड़गढ़. विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग पर पर्यटन बन्द होने के साथ ही सैकड़ों की संख्या में यहां रह रहे बंदरों के भोजन पर संकट आ जाता है. चित्तौड़गढ़ में जीव दया के प्रति पूरी तरह से समर्पित गौरव सोमानी साल में 365 दिन मंडी से सब्जियां फल लाकर बंदरों का पेट भरते हैं. लेकिन अब फिर से लॉकडाउन लगने की वजह से गौरव मंडी से फल और सब्जी पूरी तरह से यहां पहुंचा रहे हैं.
कोरोना संक्रमण जहां एक ओर लगातार लोगों को डरा रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी तस्वीरें हैं जिनसे साबित होता है कि हालात कितने ही विपरीत हो जाएं लेकिन भारतीय संस्कृति के अंतर्मन में जो जीव दया का भाव है वह कभी कम नहीं हो सकता है. दरअसल चित्तौड़गढ़ जिले के विश्व विख्यात ऐतिहासिक दुर्ग पर बड़ी संख्या में बंदर है, जिन्हें खाने के रूप में पर्यटको की आवाजाही के चलते कभी चने कभी केले तो कभी अन्य चीजें मिल जाती थी.
करीब 900 की तादाद में दुर्ग पर पाए जाने वाले इन बंदरों को कोरोना संक्रमण काल शुरू होते ही खाने पीने का संकट पैदा हो गया. ऐसे में गौरव सोमानी अनूठी पहल इन बंदरों की उदर पूर्ति का काम कर रही है. करीब 3 सालों से वे लगाताक अपने गुरु की प्रेरणा से जीव जंतुओं के लिए कुछ ना कुछ करते आ रहे हैं.