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पीसीसी चीफ डोटासरा का चित्तौड़गढ़ दौरा, अगल-अलग गुटों में बटे हुए दिखे कांग्रेसी कार्यकर्ता

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा शुक्रवार रात चित्तौड़गढ़ पहुंचे. उनका मार्ग में जगह-जगह स्वागत किया गया. डोटासरा के कार्यक्रम में ही कांग्रेस बिखरी हुई दिखी और अलग-अलग जगह कांग्रेसी कार्यकर्ता गुटों में बंटकर स्वागत करते दिखाई दिए. साथ ही कहीं न कहीं, इसमें जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी भी नजर आई है.

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पीसीसी चीफ डोटासरा का चित्तौड़गढ़ दौरा

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Published : Jan 30, 2021, 7:57 AM IST

चित्तौड़गढ़.कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के चित्तौड़गढ़ का कार्यक्रम गुरुवार शाम को ही तय हो गया था. अलग-अलग गुटों की ओर से उनके स्वागत को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई थी. पहले तो उनके शुक्रवार शाम 6 बजे चित्तौड़गढ़ पहुंचने की जानकारी दी जा रही थी. ऐसे में अलग-अलग गुटों की ओर से स्वागत की तैयारी की गई थी. इसके लिए जगह-जगह होर्डिंग और बैनर लगा दिया गए थे. वहीं संभावना जताई जा रही थी कि डोटासरा का स्वागत सर्किट हाउस में ही होगा और सभी कांग्रेस के कार्यकर्ता एक जगह होंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया, डोटासरा का स्वागत अलग-अलग जगहों पर किया गया है. गंगरार में डोटासरा का स्वागत जिला परिषद सदस्य बद्रीलाल जाट के नेतृत्व में किया गया.

पीसीसी चीफ डोटासरा का चित्तौड़गढ़ दौरा

इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. वहीं बाद में नरपत की खेड़ी पुलिया के यहां पर भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां भी डोटासरा का भव्य स्वागत हुआ. यहां पूर्व युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमोद सिसोदिया के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया. बकायदा यहां टेंट लगाकर कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. करीब आधे घंटे तक चले कार्यक्रम को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने भी संबोधित किया. यहां से डोटासरा रैली के रूप में चित्तौड़गढ़ शहर के लिए रवाना हुए. चित्तौड़गढ़ सर्किट हाउस में पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे.

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ऐसे में पीसीसी चीफ डोटासरा के स्वागत में अलग-अलग स्वागत कार्यक्रम से कांग्रेसी कहीं न कहीं कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी दिखाई दिए. यहां सर्किट हाउस पहुंचने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. यहां फूल माला पहनाकर डोटासरा का स्वागत किया. सर्किट हाउस पहुंचने पर डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि राम मंदिर निधि संग्रह के नाम पर लोगों को धमकाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने ने कोरोना को लेकर कहा कि जिस दिन कोरोना पूरी तरह से चला जाएगा, उसी स्कूल पूरी तरह से खुल जाएंगे. डोटासरा ने कहा कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित या तो मजदूर हुआ है या शिक्षा हुई है. प्रदेश में हमने प्रयास किया है कि बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाए और शिक्षा का कार्य भी हो. इसके लिए ई क्लासेस, ऑनलाइन पढ़ाई सहित कई प्रोजेक्ट शुरू किए.

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उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी फीस को लेकर हमारे सर्कुलर को सही ठहराया है, जितना कोर्स इतनी फीस. जो स्कूल सरकारी आदेशों की पालना नहीं करेंगे, उनकी मान्यता रद्द होगी. पहले भी मान्यता रद्द करते आए हैं. शिकायत मिलने पर अब भी करेंगे. उन्होंने कहा कि 9 से 12 तक हमने कक्षाएं शुरू कर दी है. 1 से 8 तक के भी बच्चों को घर बैठे पढ़ाई करवा रहे हैं. पहले भी किसी बच्चे का साल बर्बाद नहीं होने दिया था और इस बार भी किसी का साल बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा.

उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थ एवं किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी महंगाई कम करने की बात को लेकर वे सत्ता में आए. लेकिन वे इसमें पूरी तरह से विफल साबित हुए हैं. किसान आंदोलन को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कोई भी काम नहीं किया है. इसी कारण आज देश का अन्नदाता दिल्ली में विगत दो महीने से सड़कों पर बैठा है. उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रीय पर्व पर इतनी बड़ी फौज होने के बावजूद कुछ लोग लाल किले पर चले जाते हैं और हंगामा करते हैं. यह लोग किसान नहीं हो सकते. हंगामा करना ही होता तो किसान दो महीने तक धरने पर नहीं बैठते.

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