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Demonstration at Chittorgarh Fort: निर्माण सामग्री के पाबंदी पर भड़के दुर्गवासी, प्रवेश द्वार बंद कर किया प्रदर्शन, फंसे पर्यटक

बुधवार को चित्तौड़गढ़ दुर्ग में निर्माण सामग्री नहीं ले जाने देने से दुर्गवासी नाराज हो गए. जिसके खिलाफ लोगों ने किलाबंदी कर प्रदर्शन किया. इस दौरान दुर्ग घूमने आए पर्यटक भी (Durg residents agitated over ban on construction) वहां फंस गए.

Demonstration at Chittorgarh Fort
Demonstration at Chittorgarh Fort

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Published : Mar 8, 2023, 9:44 PM IST

चित्तौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ दुर्ग में निर्माण सामग्री पर पुरातत्व विभाग की पाबंदी के विरोध में बुधवार को दुर्ग के लोग भड़क गए. जिसके बाद लोगों ने जाम लगाकर किलाबंदी कर दी. इससे बड़ी संख्या में पर्यटक किले के अंदर फंस गए. घटना की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. वहीं, वाकया के बाद तत्काल धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा, उपखंड अधिकारी रामचंद्र खटीक, पुलिस उपाधीक्षक बुधराज और कांग्रेस नेता नगेंद्र सिंह राठौड़ मौके पर पहुंचे.

स्थानीय पार्षद अशोक वैष्णव और बालमुकुंद मालीवाल के नेतृत्व में सैकड़ों लोग रामपॉल पर धरने पर बैठे थे. उनका आरोप था कि पुरातत्व विभाग द्वारा पिछले दो साल से निर्माण सामग्री सहित हर एक प्रकार की सामग्री के प्रवेश को रोका जा रहा है. यहां तक कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम तक नहीं लाने दिया जा रहा है. हालांकि, हद तो तब हो गई जब बुधवार को बांस की बल्लियां लाए जाने पर गार्ड ने नीचे के पोल पर ही रोक दिया गया. जबकि संबंधित व्यक्ति के कल की तेज आंधी में मकान की छत उड़ गई थी. पार्षद वैष्णव का आरोप था कि इस संबंध में स्थानीय अधिकारी को फोन किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. साथ ही कथित रूप से अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया गया. जबकि दुर्ग के लोग पिछले दो साल से इस परेशानी से रूबरू हो रहे हैं.

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धरने के दौरान लोगों पुरातत्व विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. धरने के चलते किले के अंदर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक बंधक बनकर रह गए. प्राधिकरण अध्यक्ष जाड़ावत और एसडीएम की समझाइश पर कुछ समय के लिए जाम खोल कर पर्यटकों को बाहर निकला गया. उधर, पुलिस प्रशासन की ओर से पुरातत्व विभाग के अधिकारी प्रेमचंद शर्मा को भी बुला लिया गया, लेकिन उन्होंने उच्चाधिकारियों के आदेश का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया.

इस जवाब को सुनकर पार्षद अशोक वैष्णव सहित प्रदर्शन कर रहे लोग आक्रोशित गए हैं. इसके बाद सभी धरने पर बैठ गए. इस दौरान भी ग्रुप के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में पर्यटक फंसे रहे, जो पानी तक को तरस गए. कई पर्यटक अपने वाहनों को अंदर ही छोड़कर पैदल ही बाहर निकलते नजर आए. जबकि बाहर से आने वाले कई लोग बिना दुर्ग भ्रमण के ही वहां से लौट गए. हालांकि, देर शाम तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला और दुर्गवासी धरने पर बैठे रहे.

आपको बता दें कि रामपोल चित्तौड़गढ़ दुर्ग का मुख्य प्रवेश द्वार है. देर शाम जाड़ावत और एसडीएम की मौजूदगी में पुरातत्व विभाग के अधिकारी शर्मा ने आवश्यक निर्माण सामग्री ले जाए जाने की अनुमति देने का आश्वासन दिया. इसके बाद ही लोग अपने घरों को लौट सके.

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