चित्तौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ दुर्ग में निर्माण सामग्री पर पुरातत्व विभाग की पाबंदी के विरोध में बुधवार को दुर्ग के लोग भड़क गए. जिसके बाद लोगों ने जाम लगाकर किलाबंदी कर दी. इससे बड़ी संख्या में पर्यटक किले के अंदर फंस गए. घटना की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. वहीं, वाकया के बाद तत्काल धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा, उपखंड अधिकारी रामचंद्र खटीक, पुलिस उपाधीक्षक बुधराज और कांग्रेस नेता नगेंद्र सिंह राठौड़ मौके पर पहुंचे.
स्थानीय पार्षद अशोक वैष्णव और बालमुकुंद मालीवाल के नेतृत्व में सैकड़ों लोग रामपॉल पर धरने पर बैठे थे. उनका आरोप था कि पुरातत्व विभाग द्वारा पिछले दो साल से निर्माण सामग्री सहित हर एक प्रकार की सामग्री के प्रवेश को रोका जा रहा है. यहां तक कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम तक नहीं लाने दिया जा रहा है. हालांकि, हद तो तब हो गई जब बुधवार को बांस की बल्लियां लाए जाने पर गार्ड ने नीचे के पोल पर ही रोक दिया गया. जबकि संबंधित व्यक्ति के कल की तेज आंधी में मकान की छत उड़ गई थी. पार्षद वैष्णव का आरोप था कि इस संबंध में स्थानीय अधिकारी को फोन किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. साथ ही कथित रूप से अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया गया. जबकि दुर्ग के लोग पिछले दो साल से इस परेशानी से रूबरू हो रहे हैं.
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