चित्तौड़गढ़. जैसे-जैसे गर्मी के दिन दस्तक दे रहे हैं. जिले में पेयजल का संकट गहराता जा रहा है. जिले में भूमिगत जल स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है. शहर के साथ-साथ अब ग्रामीण अंचल में भी पेयजल संकट गहराता जा रहा है. गर्मी अभी ढंग से शुरू भी नहीं हुई हैं और जलदाय विभाग ने 750 गांव चिन्हित किए हैं. इन गांवों में गर्मी के दिनों में टैंकर से पेयजल की सप्लाई की जाएगी.
पढ़ें:Special: दौसा के 200 सरकारी स्कूलों में पेयजल की समस्या...कल के भविष्य सूखे कंठ पढ़ने को मजबूर
पिछले कुछ समय से चित्तौड़गढ़ का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां तक कि दिन का तापमान 35 डिग्री पार हो चुका है, वहीं रात का तापमान 15 डिग्री तक दर्ज किया जा रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मी की रफ्तार किस गति से बढ़ रही है. भूमिगत जलस्तर में भी लगातार गिरावट आ रही है. बावड़ियों से लेकर तालाब और बांध सूख रहे हैं. चित्तौड़गढ़ शहर में ही पानी की आपूर्ति विभाग 48 घंटे के अंतराल पर कर रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार पेयजल का संकट बढ़ता जा रहा है.
चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट जलदाय विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है. उस रिपोर्ट के अनुसार करीब 750 गांव चिन्हित किए गए हैं, जहां पर तेजी से जल संकट बढ़ रहा है और निजी नलकूप तथा कुएं हायर करने के अलावा टैंकरों से आपूर्ति ही एकमात्र विकल्प बचा है. विभाग ने इसके लिए पंचायत समिति टैंकरों की रेट भी निर्धारित कर दी है.
फिलहाल करीब 200 से अधिक गांव में टैंकर से पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई है. आने वाले दिनों में यह संकट और भी बढ़ने के आसार हैं. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता सुनीत कुमार गुप्ता ने बताया कि जहां-जहां से भी पेयजल संकट की शिकायतें आ रही हैं, वहां पर टैंकरों से आपूर्ति शुरू की जा रही है. हर बार गर्मियों में चित्तौड़गढ़ में पेयजल बड़ी समस्या रहती है. लेकिन इसका स्थाई समाधान सरकार और प्रशासन की तरफ से नहीं किया गया है.