चित्तौड़गढ़. शहर में पेयजल संकट के हालात बनते दिख रहे हैं. घोसुंडा बांध को शहर की लाइफ लाइन माना जाता है जोकि धीरे धीरे मैदान में तब्दील होता जा रहा है. भविष्य की तस्वीर को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को बैठक लेते हुए पानी के अवैध दोहन पर प्रतिबंध लगाते हुए गश्त अनिवार्य कर दी. इस संबंध में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.
जिला कलेक्टर केके शर्मा के निर्देश पर चित्तौड़गढ़ नगरीय क्षेत्र में पेयजल संकट खड़े होने की आशंका में अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार कलाल की अध्यक्षता में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली गई. बैठक में अध्यक्ष जिला पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह को उप निरीक्षक मय 1|4 जाप्ते नियुक्त करते हुए रात दिन नियमित गश्त के निर्देश दिए गए.
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता को घोसुंडा बांध की पास स्थित डाक बंगले में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया. नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी अधीक्षण अभियंता ही होंगे.