चितौड़गढ़. एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि हम किसी को भूख से नहीं मरने देंगे. दूसरी तरफ चित्तौड़गढ़ जिला प्रशासन यह दावा कर रहा है कि सूखा राशन और खाने के पैकेट गरीबों तक पहुंचाए जा रहे हैं लेकिन गांवों में हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. हालात, यह बन रहे हैं कि लोग कोरोना से नहीं बल्कि भूख से मर जाएंगे.
जिले में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है लेकिन सभी जगह काम-काज ठप्प हैं और लोग घरों में बंद हैं. लॉकडाउन के चलते ऐसे लोग भी हैं जो दिहाड़ी करते हैं और एक कमाऊ व्यक्ति के घर बैठ जाने से दिहाड़ी कर परिवार का पेट पालने वाले लोगों में अब भूख का डर सताने लगा है. जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर स्थित देवरी ग्राम पंचायत की जो तस्वीर सामने आई है, वह जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है. यहां रहने वाले लोगों से जब बात की गई तो प्रशासन के दावों की पोल खुल कर सामने आ गई. दूसरी जिला कलेक्टर के दावे कुछ और ही कह रहे हैं. जिला कलक्टर चेतनराम देवड़ा दावा कर रहे हैं कि जिले में सारे हालात ठीक है. लोगों तक खाना पहुंच रहा है.