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चित्तौड़गढ़ में बंदर की गाजे-बाजे के साथ अंतिम विदाई, युवकों ने मुंडन भी कराया

चित्तौड़गढ़ के सोनियाणा में एक बंदर की मौत पर गांव वालों ने बैंड-बाजे के साथ उसकी शवयात्रा निकाली. पूरे विधि-विधान के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. यहां तक की 5 युवकों ने बंदर की मौत पर मुंडन भी कराया.

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चित्तौड़गढ़ में बंदर का गाजे-बाजे के साथ किया गया अंतिम संस्कार

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Published : Aug 25, 2020, 8:46 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 9:03 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़). भारत कृषि प्रधान के साथ-साथ आस्था वाला भी देश है. यहां हर इलाके में वन्य जीवों और पशुओं के साथ आस्थाएं जुड़ी हुई हैं. लेकिन इसी देश में कभी-कभी जीवों के साथ क्रूरता की कई घटनाएं भी दिल दहला देती हैं. लेकिन चित्तौड़गढ़ में एक बंदर की मौत के बाद उसकी अंतिम विदाई की तस्वीरें आपको सुखद अनुभूति देंगी, कि कैसे एक जानवर की मौत के बाद उसे पूरे विधि विधान के साथ अंतिम विदाई दी गई.

चित्तौड़गढ़ में पशु प्रेम का अनोखा नजारा

दरअसल, जिले के कपासन के सोनियाणा गांव में एक बंदर की करंट लगने से मौत हो गई थी. जिसके बाद गांव के लोगों ने गाजे-बाजे के साथ बंदर की शवयात्रा निकाली और अंतिम संस्कार किया. गांव के 5 युवकों ने बंदर की मौत पर मुंडन भी कराया.

विधि विधान के साथ बंदर का किया गया अंतिम संस्कार

क्या है पूरा मामला

एक घर के ऊपर से जा रहे बिजली की तारों से करंट लगने पर एक बंदर घायल हो गया. जिसके बाद वह छत से गिर गया. जिसके बाद गांव के युवक घायल बंदर के उपचार के लिए स्थानीय डॉक्टर को बुलाकर लाए. लेकिन हालत में सुधार नहीं होता देख युवक बंदर को भदेसर लेकर गए. जहां से डॉक्टरों ने बंदर को जिला पशु चिकित्सालय रेफर कर दिया.

भारी संख्या में गांव के लोग रहे मौजूद

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सोमवार रात 12 बजे घायल बंदर को लेकर युवक चित्तौड़गढ़ कोतवाली पहुंचे. पुलिस विभाग मदद से उसे पशु चिकित्सालय पहुंचाया गया. उपचार के बाद बंदर को वन विभाग की देख-रेख में छोड़ दिया गया. जहां मगंलवार को दोपहर डेढ़ बजे बंदर की मौत हो गई. बंदर की मौत की खबर जैसे ही ग्रामीणों को मिली. वो तुरंत बंदर के शव को लेकर गांव आए और हनुमान मंदिर से शवयात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली.

5 युवकों ने बंदर की मौत पर मुंडन भी कराया

बंदर की शवयात्रा में भारी संख्या में गांव के लोग शामिल हुए. जिसके बाद तलाई स्थित श्मशान घाट में विधि विधान के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, जिन युवाओं ने बंदर का इलाज करवाया था. उन्होंने श्मशान में ही मुंडन कराया. इसके पीछे स्थानीय लोगों की भगवान हनुमान में गहरी आस्था बताई जा रही है. गांव में हनुमान जी का मंदिर जहां गांव के लोग अक्सर जाते रहते हैं.

Last Updated : Aug 25, 2020, 9:03 PM IST

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