चित्तौड़गढ़. रावतभाटा के बहुचर्चित देवा गुर्जर हत्याकांड (Deva Gurjar murder case ) मामले में शुक्रवार को न्यायालय ने 8 आरोपियों को 13 अप्रैल तक एसआईटी अभिरक्षा में भेजे जाने के आदेश दिए. कड़ी सुरक्षा के बीच एसआईटी की टीम आरोपियों को लेकर न्यायालय पहुंची. जिस बख्तरबंद वाहन में आरोपियों को लाया गया, उसे न्यायालय के गेट तक ले जाया गया. वहीं से एक-एक कर आरोपियों को उतार कर न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया.
एसआईटी अनुसंधान अधिकारी पारस जैन ने पूछताछ और अनुसंधान के लिए आरोपियों के रिमांड की मांग की. इस पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को 13 अप्रैल तक रिमांड पर रखे जाने के आदेश दिए. न्यायालय में पेश किए गए आरोपियों में हत्याकांड का मुख्य आरोपी खेड़ा रुद्रा निवासी बाबूलाल , सोनू उर्फ परीक्षित गुर्जर , हुकम चंद , बालमुकुंद, राहुल , बलराम उर्फ बबलू , सुखराम और बाबूलाल शामिल है. इन्हें एसआईटी की टीम पुलिस लवाजमा के साथ न्यायालय लेकर पहुंची और वापस थाने ले आई.
बता दें कि 4 अप्रैल की शाम 5.30 बजे कोटा बेरियल चौराहे पर सैलून की दुकान में बैठे हिस्ट्रीशीटर देवा पर धारदार हथियारों से 15 से अधिक हमलावरों ने हमला कर दिया था. इसमें घायल देवा गुर्जर की उपचार के लिए कोटा ले जाते समय मौत हो गई. 5 अप्रैल को बोराबास और कोटा मोर्चरी में देवा समर्थकों ने खूब हंगामा किया. बोराबास में एक रोडवेज बस में भी आग लगा दी थी. बाद में 5 मांगों पर सहमति बनी थी. इस मामले की जांच के लिए बुधवार को एसआईटी का गठन किया गया उसके बाद से लगातार आरोपियों की धरपकड़ जारी है.