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Special: कोरोना ने खत्म किया हाईवे का व्यवसाय, आर्थिक संकट गहराया - Chittorgarh News

कोरोना के कारण इस समय होटल-ढाबे व्यवसाय के साथ-साथ हाईवे पर स्थित छोटे व्यवसाय भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. कोरोना का ऐसा ही बुरा असर चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होटल और ढाबों से जुड़े व्यवसायों पर पड़ा है. लॉकडाउन के कारण करीब 70 फीसदी तक की बिक्री प्रभावित हुई है.

Corona impact on highway business,  Chittorgarh News
हाईवे पर व्यवसाय ठप

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Published : Aug 20, 2020, 9:50 PM IST

चित्तौड़गढ़.कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच देश में हुए लॉकडाउन से छोटे-मोटे व्यापारियों के हालत इस कदर खराब हो गए कि उनका गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया. इसका असर इन व्यापारियों पर इस प्रकार पड़ा कि इनके आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया. आलम यह है कि अब ना तो ये खुद पेट पाल पा रहे हैं और ना ही अपने परिवार की जीविका चला पा रहे हैं.

हाईवे पर व्यवसाय ठप

कोरोना का ऐसा ही बुरा असर चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होटल और ढाबों से जुड़े व्यवसायों पर पड़ा है. लॉकडाउन के कारण करीब 70 फीसदी तक की बिक्री प्रभावित हुई है. लोग घरों से बाहर तो निकल रहे हैं, लेकिन कोरोना के डर से होटल-ढाबों में जाने से डर रहे हैं.

ठप पड़ा ढाबा

चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 3 ओर राष्ट्रीय राजमार्ग जाते हैं, तो वहीं 2 तरफ स्टेट हाईवे. लेकिन यह दोनों स्टेट हाईवे भी फोरलेन से गुजरते हैं. साथ ही चित्तौड़गढ़ जिले से होकर देश के कई प्रमुख राज्यों एवं बड़े शहरों की ओर जाने का रास्ता गुजरता है. ऐसे में जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाईवे से भारी वाहनों के अलावा यात्री वाहन बड़ी संख्या में गुजरते हैं. इन राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे पर बड़ी संख्या में होटल एवं ढाबे हैं.

ठप पड़ा होटल

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हाईवे पर अलग-अलग जगह अलग-अलग व्यवसाय हैं, लेकिन मुख्य रूप से होटल एवं ढाबों पर रुकने वाले वाहनों के चालक-परिचालक और लोगों के भोजन व नाश्ता के अलावा आम दिनचर्या की वस्तुओं की बिक्री मुख्य है, जो बुरी तरह प्रभावित हुई है. कुछ दुकानें तो ऐसी भी हैं, जहां लॉकडाउन से पहले सामग्री खरीदी थी, वह अभी भी पड़ी हुई है.

ढाबे में नहीं आ रहे लोग

दुकानें खुली हैं...नहीं आ रहे ग्राहक

इन होटलों और ढाबों के आसपास कई प्रकार की दुकानें हैं. इनमें मुख्य रूप से नियमित रूप से काम में आने वाले सामग्री के अलावा जूते और सजावटी सामग्री आदि का काफी बड़ा व्यवसाय है. बड़े होटलों के आसपास काफी दुकानें खुली हुई हैं, जिससे कि सैकड़ों की संख्या में लोग अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी दुकानें करीब 2 महीने तक बंद रही थी. 2 महीनों बाद केंद्र सरकार ने सामग्री परिवहन के कारण भारी वाहनों को अनुमति दी थी, ऐसे में होटल एवं ढाबों को भी खोलने की अनुमति दे दी गई. लेकिन इनका व्यवसाय अब भी ठप पड़ा है.

ग्राहक के इंतजार में दुकानदार

ग्राहकी हुई कम...

होटल और ढाबा संचालन करने वाले व्यवसायियों की मानें तो उनके भी ग्राहकी पर काफी फर्क पड़ा है. ट्रक और अन्य भारी वाहन को चलाने वाले चालक और खलासी आ रहे हैं, जो पहले जैसे रुचि नहीं दिखा रहे हैं. वहीं, पहले की तरह हाईवे पर गुजरने वाले नौकरी और अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा परिवार के सदस्य अब भोजन करने नहीं आते हैं. ऐसे में ग्राहकी कम हुई है. साथ ही इन दुकानों से जुड़े होटल और निकट स्थित अन्य सामग्री की दुकानों पर ग्राहकी नहीं हो रही है.

चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग

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दुकानदारों का कहना है कि इनके व्यवसाय में लॉकडाउन के बाद 70 फीसदी तक असर पड़ा है. उनका कहना है कि जब तक कोरोना का असर रहेगा, तब तक उनका व्यवसाय जोड़ नहीं पकड़ेगा.

गंगरार क्षेत्र की अलग पहचान

जिले में हाईवे पर स्थित होटल और ढाबे मुख्य हैं, जो व्यवसाय की रीढ़ है. इसके अलावा गंगरार क्षेत्र की अपनी अलग पहचान है. यहां सिक्स लेन कस्बे के पास से गुजरता है. सिक्स लेन के दोनों तरफ मोजड़ी (चमड़े के जूते) का मार्केट है. यह मार्केट पूरी तरह से वाहनों में गुजरने वालों पर ही आश्रित है. लोकल ग्राहकी को छोड़ बाहरी ग्राहकी बंद है.

इसके साथ ही यहां वाहनों की सजावट की सामग्री भी मिलती है. यह व्यवसाय भी पूरी तरह प्रभावित है. इसके अलावा घरों में सजावटी सामान रखने का भी मार्केट है, जो ठप पड़ा है. इसके अलावा सभी तरह के हाईवे पर स्थित छोटे व्यवसाय बंद पड़े हुए हैं.

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