चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार की गाइडलाइन की पालना के लिए पुलिस और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जन अनुशासन पकवाड़ा लागू किया गया. इसके बाद भी बात नहीं बनी तो लॉकडाउन लगा दिया गया लेकिन लोगों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है.
जिसे देखते हुए पुलिस सड़कों पर उतर चुकी है, लेकिन लोग तरह-तरह के बहाने बनाकर मार्केट में घूमने से बाज नहीं आ रहे. वहीं महज 12 दिन में ही कार्रवाई का डंडा हजारों लोगों तक पहुंच गया है.
चित्तौड़गढ़ पुलिस ने 12 दिन में लोगों के चालान काट कर वसूला 11 लाख रुपए जुर्माना पुलिस की ओर से इस महीने 12 दिन में ही लगभग 10 हजार से अधिक लोगों के चालान काट कर करीब 11 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है. पुलिस की ओर से ये कार्रवाई सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने, बिना मास्क घूमने और स्थानों पर थूकने आदि पर की गई है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन 500 से अधिक चालान बेवजह बाजार में घूमने वालों के खिलाफ बनाए जा रहे हैं और जुर्माने का ये ग्राफ प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. यहां तक की बुधवार को चंदेरिया पुलिस ने करीब 28 बाइक जब्त करते हुए ₹10 हजार का जुर्माना वसूला.
चिंताजनक यह है कि पुलिस और प्रशासन की इस कार्रवाई के बावजूद लोगों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही. हालांकि सुबह 6 से 11 तक आवश्यक खरीदारी के लिए छूट दी गई है, लेकिन इसके बाद भी लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. इसके लिए अलग-अलग तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं. खासकर मेडिकल से दवा लाने या फिर हॉस्पिटल जाने की बात कही जाती है जबकि इससे संबंधित उनके पास कोई दस्तावेज नहीं होते हैं. बच्चे साथ में होने के कारण पुलिस भी पसीज जाती है और इस प्रकार के लोग पुलिस चेकिंग से बचकर निकलने में कामयाब हो जाते हैं.
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सहायक पुलिस उपनिरीक्षक देवीलाल के अनुसार जितना खतरा होने के बावजूद कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. खरीदारी के लिए समय सीमा निश्चित है लेकिन इस प्रकार के लोग तरह-तरह के बहाने बनाकर लापरवाही बरत रहे हैं. हालांकि ऐसे लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई भी की जाती है लेकिन उनकी लापरवाही अन्य लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.