गजेंद्र शेखावत का विवादित बयान, सीएम गहलोत को बताया राजनीति का रावण चित्तौड़गढ़.भाजपा द्वारा गुरुवार को जनसभा कर जनाक्रोश महाघेराव के जरिए सरकार की नाकामियों के प्रति अपनी नाराजगी जताई गई. जनसभा के दौरान मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का एक विवादित बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का रावण करार देते हुए कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया. विशेष अतिथि सांसद और पार्टी के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी थे.
उठा कानून व्यवस्था का मुद्दाःकार्यकर्ताओं के साथ दोनों ही नेता रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्ट्रेट का महाघेराव कर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया. रैली के दौरान कार्यकर्ताओं के हाथ में तख्तियां थी जो कि राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते चल रहे थे. हालांकि केंद्रीय मंत्री शेखावत और प्रदेश अध्यक्ष का 10 बजे सुभाष चौक पर आयोजित जनसभा में पहुंचने का कार्यक्रम था. वे करीब दो घंटा देरी से पहुंचे थे. विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, ललित ओस्तवाल, अर्जुन लाल जीनगर, जिलाध्यक्ष गौतम दक के उद्बोधन के बाद केंद्रीय मंत्री शेखावत मंच पर पहुंचे. मुख्य अतिथि शेखावत ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा कि करौली में रामनवमी पर हुए दंगे में मुकदमा दर्ज करने से लेकर गिरफ्तारी और चालान पेश किए जाने तक हर जगह तुष्टीकरण की नीति अपनाई गई. उसी का नतीजा रहा कि अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए और भीलवाड़ा, जोधपुर, जयपुर तथा उदयपुर में सांप्रदायिक दंगे सामने आए.
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भ्रष्टाचार में डूबी है राज्य सरकारःप्रदेश में आज अपराधियों के गिरोह पनप चुके हैं, जो कि सरे आम लोगों से रंगदारी वसूल रहे हैं. यहां तक कि कांग्रेस की एक मेयर को सरेआम अपराधियों द्वारा धमकाया गया. सरकार को भ्रष्टाचार में डूबी सरकार बताते हुए शेखावत ने कहा कि पटवारी से लेकर कलेक्टर तक पकड़े जा चुके हैं. उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जा रही है. यह एक तरह से भ्रष्ट लोगों को सरकार की क्लीन चिट है. उन्होंने गर्मी के इस दौर में राहत शिविरों के नाम पर लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए जबरन शिविर स्थल पर आने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए शिविरों की जरूरत पर सवाल खड़े किए. साथ ही कहा कि जब हर योजना के आंकड़े सरकार के पास है, तो संबंधित लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए बुलाई जाने की क्या जरूरत है ? लोगों को केवल राहत का झुनझुना थमाया जा रहा है. उन्होंने पूछा कि 4 करोड़ लोगों को मकान दिए गए तो क्या मोदी सरकार ने किसी से रजिस्ट्रेशन करवाया. 9 करोड़ से अधिक लोगों को उज्जवला योजना से जोड़ा गया तो किसी को इस प्रकार लाइन में खड़ा करवाया गया.
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राहत शिविरों में लोगों को किया जा रहा है परेशानःकेंद्रीय मंत्री ने शिविरों में राहत के स्थान पर लोगों को परेशान किया जा रहा है. इसके स्थान पर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी कर लोगों को राहत दिए जाने की पैरवी करते हुए कहा कि राजस्थान में सर्वाधिक टैक्स वसूला जा रहा है. केवल टैक्स के जरिए पिछले 4 साल में सरकार द्वारा 2200 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं. जबकि इन शिविरों के जरिए मात्र 100 करोड़ रुपए की राहत दी जाएगी. इस मौके पर उन्होंने आरपीएससी पेपर लीक प्रकरण उठाते हुए कहा कि पहले सरकार द्वारा कहा जा रहा था कि इस मामले में न तो कोई नेता दोषी है और नहीं कोई अधिकारी जबकि अब तो इनके पकड़े जाने की शुरुआत हो चुकी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार बदलने दो, इसकी सीबीआई जांच होगी और कांग्रेस के कई लोगों के गिरेबान तक पुलिस का हाथ पहुंचेगा. अपने भाषण के अंतिम दौर में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का रावण करार देते हुए कहा कि यदि सरकार को समाप्त करना चाहते हो तो दोनों ही भुजाएं उठाकर रामराज की स्थापना का संकल्प लेना.
रिपीट नहीं डिलीट हो रही है गहलोत सरकारःदूसरी ओर अपने उद्बोधन में प्रदेश अध्यक्ष जोशी ने भी राहत शिविरों पर सवाल उठाया और कहा कि जब अंतिम दिन आते हैं तब इस प्रकार के प्रोपेगेंडा किए जाते हैं. जबकि सरकार की अंतिम सांसे चल रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा सरकार रिपीट होने के बयान पर पूछा कि आखिर गैस एजेंसी द्वारा उन्होंने यह सर्वे करवाया. यह सरकार रिपीट नहीं बल्कि डिलीट हो रही है. राहत शिविरों को ढोंग बताते हुए कहा कि अब यह सरकार 5 साल नहीं बल्कि अगले 50 साल के लिए राहत लेने जा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर साढ़े 4 साल तक सरकार क्या कर रही थी ? मुख्यमंत्री केवल अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त रहे. इस नूरा कुश्ती में प्रदेश विकास में पिछड़ गया. दोनों ही नेताओं ने लोगों से हाथ खड़े करवाकर आगामी चुनाव में पार्टी को विजय दिलाने का संकल्प दिलाया. इस मौके पर पूर्व मंत्री श्री चंद कृपलानी, जिला प्रमुख डॉ सुरेश धाकड़, बद्रीलाल सिंहपुर, रणजीत सिंह भाटी, सीपी नाम धारानी, उप जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली, गौरव त्यागी, हर्षवर्धन सिंह रूद, सुरेश झंवर आदि भी मौजूद रहे. बाद में कार्यकर्ता रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां कलेक्ट्रेट पर कुछ कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की हो गई. कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट को राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी से गुंजायमान कर दिया. बाद में कलेक्टर के जरिए राज्यपाल के नाम अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भेजा गया.