राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

फसलें गटक रहीं घोसुंडा का पानी, चित्तौड़गढ़ की जलापूर्ति 2 महीने भी मुश्किल - घोसुंडा बांध

चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट का खतरा नजर आ रहा है. जहां घोसुंडा बांध शहर की पेयजल आपूर्ति का प्रमुख स्त्रोत माना जाता है, जो धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है. विभाग ने भी माना है कि अगर पेटा काश्त को नहीं रोका गया तो अगले 2 महीने तक पानी चलाना भी मुश्किल हो सकता है. इसके साथ ही इस पूरे मामले में अब जिला प्रशासन की भूमिका अहम होती जा रही है.

chittorgarh news, rajasthan news, चित्तौड़गढ़ न्यूज, राजस्थान न्यूज
चित्तौड़गढ़ की जलापूर्ति 2 महीने भी मुश्किल

By

Published : Dec 28, 2020, 3:47 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहर पर पेयजल संकट का खतरा नजर आ रहा है. साथ ही चित्तौड़गढ़ में पेयजल आपूर्ति का सबसे बड़ा जल स्त्रोत करीब 20 किलोमीटर दूर घोसुंडा बांध है, जो कि धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है. खास तौर पर पेटे में की जा रही खेती को देखते हुए आने वाले दिनों में जल आपूर्ति के हालात और भी विकट होते नजर आ रहे हैं.

चित्तौड़गढ़ की जलापूर्ति 2 महीने भी मुश्किल

बता दें कि शहर की पेयजल आपूर्ति का सबसे बड़ा जल स्त्रोत करीब 20 किलोमीटर दूर घोसुंडा बांध है और इस बार मानसून सीजन में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं गिरा. जिसकी वजह से यह बांध धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है. बावजूद इसके प्रशासन समय रहते सक्रिय नहीं हो पाया और पेटा इलाके में किसानों ने बड़े पैमाने पर फसलों की बुवाई कर दी है. वहीं, जब तक प्रशासन कुछ भाप पाता, बांध का पानी 200 एमएलडी तक पहुंच गया है.

साथ ही यहां कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि एक ओर किसानों की फसल पकने की स्थिति में पहुंच गई है. जलदाय विभाग सूत्रों का कहना है कि फसलों के लिए पानी की काफी खपत हो गई है. इसके बाद भी यदि किसानों को पानी दिया गया तो सर्दी निकालना भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि किसान बड़े पैमाने पर पानी निकाल रहे हैं.

पढ़ें:किसान आंदोलन के विरोध में उतरे व्यवसायी, जाम खत्म करने की मांग

वहीं, हिंदुस्तान जिंक को भी निर्धारित मात्रा में पानी देना है. ऐसी स्थिति में बाद में शहर की जलापूर्ति के लिए 100 एमएलडी पानी भी नहीं बचेगा, जबकि शहर के लिए प्रतिमाह बांध से ही 100 एमएलडी निकाले जाने की जरूरत है. अधिशासी अभियंता डीआर सोनी ने माना कि पानी को लेकर हालात विकट होते जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को पानी देने की स्थिति में अगले 2 माह तक सप्लाई को मेंटेन रखना भी मुश्किल होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details