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खुशखबरी - चित्तौड़गढ़ दुर्ग की प्राचीर अब रात में भी जगमगाएगी, फसाड लाइट लगाने की मिली अनुमति

शुशखबरी, अब विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ दुर्ग रात्रि में भी जगमगाएगा. काफी लंबे इंतजार के बाद पुरातत्व विभाग ने इसके लिए अपना एनओसी जारी कर दिया है.

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Published : May 12, 2023, 7:52 AM IST

चित्तौड़गढ़.अब यहां आने वाले लोगों को विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग रात्रि में भी जगमगाता नजर आएगा. लंबे इंतजार के बाद पुरातत्व विभाग ने आखिरकार एनओसी जारी कर दी है. इसके साथ ही किले के प्राचीर और स्मारकों में फसाड लाइट लगाने का काम शुरू होने की उम्मीद बंध गई.

स्थानीय सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी इस दिशा में लंबे समय से प्रयासरत थे और भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से संपर्क में थे. उनकी मेहनत अब रंग लाई और कई महीनों से अटकी हुई एनओसी विभाग द्वारा जारी कर दी गई. सांसद जोशी ने बताया कि पहले ही यहां लाइटिंग के लिए बजट और एनओसी दे दी गई थी. ये काम आरटीडीसी को सौंपा गया लेकिन एजेंसी काम पूरा नहीं कर पाई और बजट लैप्स हो गया. यहां लाइटिंग के लिए जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने यूआईटी के जरिए एक बार फिर आवेदन किया था जो कि लंबे समय से प्रक्रिया में अटका हुआ था. अंततः विभाग द्वारा आज अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया.

इसके साथ ही फसाड लाइट का काम जल्दी ही शुरू होने की संभावना है. बता दें कि एनओसी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने भी सांसद और पर्यटन मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर सवाल उठाए थे. उनका कहना था कि केंद्रीय मंत्री के कुछ समय पहले चित्तौड़गढ़ आगमन के दौरान कुछ सांसद और जिला कलेक्टर द्वारा एनओसी जारी करवाने का आग्रह किया था और मंत्री ने अधिकारियों के समक्ष जल्द एनओसी जारी करने को कहा लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया जबकि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इसके बावजूद एनओसी जारी नहीं होना सांसद कि सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है.

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एनओसी जारी होने के साथ ही अब संबंधित एजेंसी जल्दी ही फसाड लाइट लगाने का काम शुरू होगा. वर्किंग एजेंसी संबंधित आवश्यक उपकरण और फसाड लाइट आदि का सामान चित्तौड़गढ़ ला चुकी है. लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने काम शुरू नहीं करने दिया. स्थानीय अधिकारी इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांग रहे थे. पुरातत्व विभाग की एनओसी के चलते वर्किंग एजेंसी अपना काम समेट कर जाने की तैयारी में थी.

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