राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

स्पेशल रिपोर्टः जब प्रस्ताव हुए फेल तो जुगाड़ से किया गया रेस्क्यू...तीन दिन से बाढ़ में फंसे थे स्कूली बच्चों समेत 254 लोग

72 घंटे से भैसरोडगढ़ क्षेत्र में स्कूल के बच्चों समेत 254 लोग फंसे हुए थे. हालांकि प्रशासन द्वारा रेस्क्यू कर उन्हें निकाल लिया गया है लेकिन यह आइडिया कैसे आया, इसकी भी लंबी कहानी है.

By

Published : Sep 16, 2019, 7:57 PM IST

Updated : Sep 16, 2019, 8:38 PM IST

चित्तौड़गढ़ न्यूज, Chittorgarh News, चित्तौड़गढ़ पानी का कहर, Chittorgarh flood,

चित्तौड़गढ़. प्रताप सागर बांध के 14 गेट खोले जाने के बाद चित्तौड़गढ़ रावतभाटा राजमार्ग अवरुद्ध चल रहा है. वहीं नवनिर्मित पावला पुलिया पर भी पानी चल रहा है. ऐसे में आदर्श विद्या मंदिर के बच्चे स्कूल में ही कैद होकर रह गए. जिनके लिए ग्रामीणों ने खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की.

बस ट्रैक्टर के जुगाड़ से निकाला गया बच्चों को स्कूल से बाहर

पुलिस और प्रशासन के सूत्रों के अनुसार आपदा राहत सचिव के निर्देशों के बाद जिला कलेक्टर शिवांगी स्वर्णकार, एडिशनल एसपी तृप्ति आदि मौके पर पहुंचे लेकिन वहां मौजूद लोगों के पास बच्चों को बाहर निकालने का कोई विकल्प नहीं था.

चार थे आइडियाज

आपदा राहत द्वारा भी तरह-तरह के प्लान बनाए जा रहे थे. सबसे पहले बच्चों को बोटके जरिए बाहर निकालने का विकल्प सुझाया गया लेकिन इससे बच्चों को खतरा हो सकता था. इसके बाद गांधी सागर बांध के दो गेट बंद करने पर विचार किया गया क्योंकि गांधी सागर से उस समय करीब एक लाख क्यूसेक पानी निकलने का अनुमान लगाया जा रहा था.

बता दें कि जब इस संबंध में बांध प्रशासन से बातचीत की गई तो वहां से हाथ खड़े कर दिए गए और बताया गया कि केचमेंट एरिया से बांध में 6 लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है. ऐसे में यह और भी खतरनाक रास्ता हो सकता है. तीसरा विकल्प लाइफ जैकेट बोट कर रखा गया लेकिन इसमें भी एनडीआर एसडीआरएफ द्वारा खतरे की आशंका जताई गई.

यह भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: सोशल मीडिया के जरिए बेसहारा परिवार के लिए युवाओं ने मांगी मदद, 1.45 लाख रुपए की मिली सहायता

सफल रहा जुगाड़ का विकल्प

सूत्रों के अनुसार एनडीआर और एसडीआरएफ द्वारा अंत में एक नया विकल्प अपनाया गया. सबसे पहले इसका पता लगाया गया कि स्कूल का ऐसा कौन सा रास्ता है जहां पर पानी का बहाव हो लेकिन कम मात्रा में हो. इस दौरान सामने आया कि बड़वा का खाल और मोतीपुरा नाला के बीच पानी अन्य रास्तों के बजाए कम है.

इस पर टीमों ने चार बसों के साथ कुछ ट्रैक्टरों की व्यवस्था करवाई. एनडीआर और एसडीआरएफ द्वारा बसों को ट्रैक्टरों के पीछे बांधा गया और एक जुगाड़ को ग्रामीणों की मदद से इस रास्ते बाहर निकाला गया. जब यह विकल्प सफल रहा तो स्कूल के बच्चों को बसों में बैठाया गया और धीरे धीरे कर उनको पानी से निकाला गया. जब पानी की मात्रा कम पड़ती गई तो बाद में बच्चों को लाइफ जैकेट वोट के जरिए बाहर निकालने का काम किया गया.

यह भी पढ़ें. करंट की चपेट में आने से किसान की मौत

बता दें कि जैसे ही यह बच्चे पानी के दूसरे छोर पर पहुंचे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और भारत माता की जय के नारों से आसपास का इलाका गुंजायमान हो उठा. आपको बता दें कि पिछले 72 घंटे से यह बच्चे मऊ पूरा गांव स्थित आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में 5 अध्यापकों के साथ फंसे हुए थे. इस दौरान ग्रामीणों द्वारा ही उनके खान-पान की व्यवस्था की जा रही थी.

Last Updated : Sep 16, 2019, 8:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details