चित्तौड़गढ़.जिले के बोजुंदा में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र ग्राफ्टेड तकनीक से आम की किस्मों को बढ़ावा दे रहा है. ग्राफ्ट तकनीक से आम के पौधे तैयार कर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान में जहां कई किस्म के आम की पैदावार हो रही है, जो केवल दक्षिण भारत में होते हैं. वहीं, केवीके की नर्सरी में ग्राफ्टेड तकनीक से पौधे तैयार हो रहे हैं. यह बरसात के बाद किसानों को दिए जाएंगे, जिससे कि किसान आम के उत्पादन की ओर ध्यान देकर अपनी आय को बढ़ावा दे.
जानकारी के अनुसार चितौड़गढ़ जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर भीलवाड़ा फोरलेन पर बोजुंदा में कृषि विज्ञान केंद्र स्थित है, यहां किसानों की आय और आम की बागवानी को बढ़ाने, किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के साथ विभिन्न किस्म के आमों का उत्पादन कर रहे है और किसानों को भी आम की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे है.
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उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानिया ने बताया कि ग्राफ्टेड पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराएंगे, ताकि किसान वर्ग भी आम की फसल का उत्पादन कर सके. कृषि विभाग ने इसी कड़ी में आधुनिक और वैज्ञानिक खेती का चयन किया है. इस तकनीक के जरिए किसान आम उत्पादन बखूबी रूप से कर सकते है, जहां पहले के तकनीक से सामान्य उत्पादन मिलता था. वहीं ग्राफ्टिंग तकनीक बाद फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी भी मिलने लगी है, इससे किसानों को भी फायदा मिलने लगा है, उनकी आय भी दोगुनी हो सकती है.