चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण के इस दौर में रावतभाटा नगरपालिका की ओर से शनिवार को अतिक्रमण के नाम पर की गई कार्रवाई के विरोध में भाजपा खुल कर विरोध में आ गई है. इस संबंध में भाजपा के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पहले जिला कलेक्टर से भेंट की और संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर धरने पर बैठ गए. यहां कलेक्ट्रेट परिसर में ही धरना दिया जा रहा है. साथ ही नगर पालिका की इस कार्रवाई पर भी सवाल उठाए गए हैं. भाजपा पदाधिकारियों ने कांग्रेस शासन में मंदिर व दुकानें तोड़ने का आरोप लगाया है.
दुकान और मंदिर तोड़ने पर धरने पर बैठे भाजपा पदाधिकारी जानकारी में सामने आया है कि रावतभाटा नगरपालिका की ओर से कोटा मुख्य मार्ग पर शनिवार सुबह 6 बजे से ही अतिक्रमण के नाम पर कार्रवाई की गई. यहां जेसीबी और पोकलेन मशीन लगा कर पक्के निर्माण ध्वस्त किए गए. इसके विरोध में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने शनिवार को ट्वीट करके प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सहायता मांगी थी.
वहीं इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर से रविवार को भेंट की. बाद में भाजपा के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि कलक्ट्रेट परिसर में ही दरी बिछा कर धरने पर बैठ गए और अतिक्रमण की इस कार्रवाई का विरोध किया.
इस दौरान चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, जिला प्रमुख सुरेश धाकड़, भाजपा जिलाध्यक्ष गौतम दक, जिला महामंत्री कमलेश पुरोहित, भाजयुमो जिलाध्यक्ष हर्षवर्धनसिंह, सांसद प्रवक्ता रघु शर्मा, भाजपा नगर अध्यक्ष सागर सोनी आदि धरने पर बैठे. यहां भाजपा नेताओं ने रावतभाटा में मंदिर, दुकानें और मकान तोड़े जाने का आरोप प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है.
रावतभाटा में कोरोना काल के समय जिला प्रशासन के सहयोग से जहां लोगों को एकत्रित करना भी मना है ऐसे में लोगों के मकान और मंदिर तोड़े जा रहे हैं, जिसका कि भाजपा विरोध करती है. वहीं पूर्व क्षेत्रीय विधायक और जिला प्रमुख सुरेश धाकड़ ने कहा कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और प्रदेश सरकार की ओर से लोगों के मकान तोड़े जा रहे हैं.
इस संबंध में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया संकट में हैं और कोरोना से लड़ाई चल रही है और लोगों को सहायता कर रहे हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार और रावतभाटा शासन लोगों को बेघर करने का काम कर रही है. लोगों के घरों को तोड़ने का काम कर रही है. यहां की 25 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या और मकान एनजीटी के अंदर हैं. जिनके पास तहसील और नगरपालिका के पास भी पट्टा नहीं है. नगरपालिका को यहां पट्टे नहीं दे पा रही है तो उन्हें तोड़ने का अधिकार किसने दे दिया.
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लोगों ने पट्टों के लिए अपनी फाइल लगा रखी है और पैसे देने के लिए भी तैयार है. उन्हें या तो पट्टा दीजिए. अगर नगर पालिका प्रशासन के पास किसी को मकान बनाने की अनुमति देने का अधिकार नहीं है तो फिर तोड़ने का अधिकार किसने दिया. सांसद जोशी ने कहा कि पिछले दिनों ही नगरपालिका ने एक एक कॉलोनी काटी, जिसमें लोगों ने भूखंड खरीदे और नगरपालिका में अर्जी लगाने गए कि हमें निर्माण की अनुमति दें तो वहां निर्माण की स्वीकृति भी नगरपालिका नहीं दे पा रही है.
सांसद ने बताया कि यहां मशीनें लगा कर मकान तोड़े जा रहे हैं और लोग रो रहे हैं. मकान दुकान, यहां तक मंदिर तक तोड़ दिए. यह दुर्भाग्य की बात है वहां का प्रशासन लोगों की सहायता करना दूर, लॉकडाउन की पालना करना तो दूर लोगों को बेघर कर रहे हैं. इसके विरोध में हम धरना दे रहे हैं.