चित्तौड़गढ़. 21 सदस्यों वाली चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति में भाजपा के 14 और कांग्रेस के 7 उम्मीदवार जीतकर पहुंचे. भाजपा बहुमत में थी, फिर भी प्रधान पद की दावेदारी को लेकर बीजेपी नेता भी असमंजस में घिरे हुए थे. बीजेपी की देवेंद्र कंवर और लाड़ कंवर के बीच असमंजस की स्थिति में पर्चा निकाला गया और पर्चा देवेंद्र कंवर के नाम का निकला. जिसके बाद कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं उतारने पर देवेंद्र कंवर प्रधान बनी.
धनेत ग्राम पंचायत से सरपंच और पार्टी के वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह भाटी की पत्नी देवेंद्र कंवर वार्ड 20 से जीतकर पंचायत समिति पहुंची है और पिछले चुनावों में रंजीत सिंह पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ कर पंचायत समिति पहुंचे थे. ऐसे में उनकी दावेदारी को लेकर पार्टी के नेता भी टेंशन में थे. वहीं प्रधान पद के लिए बस्सी नगर मंडल अध्यक्ष भंवरसिंह खड़ीबावड़ी की दावेदारी प्रमुखता से मानी जा रही थी. भंवर सिंह खड़ीबावड़ी की मां लाड़ कंवर पंचायत समिति के वार्ड 18 से जीत कर आई हैं.
पार्टी के अधिकांश नेता भी लाड़ कंवर के नाम पर सहमत थे और उनका नाम करीब-करीब तय था, लेकिन रंजीत सिंह भाटी भी दावेदारी को लेकर अड़े हुए थे. मामला फंसता देख उदयपुर में पर्चा निकालकर नाम तय करने का फैसला हुआ, जिस पर रंजीत सिंह भी सहमत हुए. दोनों ही नामों की पर्ची डाली गई तो देवेंद्र कंवर के नाम का पर्चा निकला. चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी खड़ा ही नहीं किया, जिसके बाद बीजेपी की देवेंद्र कंवर प्रधान बन गई.