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चित्तौड़गढ़ जेल में हुई थी प्रदेश की सबसे बड़ी फरारी, एक साथ भागे थे 23 बंदी, 6 की गिरफ्तारी अब भी शेष

जोधपुर जिले के फलौदी उप कारागृह से सोमवार रात को हुई 16 बंदियों की फरारी ने जेलों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है. वहीं, जेल प्रशासन ने भी इस घटना के बाद सख्ती बरतना शुरू कर दी है. ऐसी घटनाओं की बात की जाए तो प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी फरारी चित्तौड़गढ़ जिला कारागृह में रही है. यहां से एक साथ 23 बंदी भागे थे. इनमें से छह की गिरफ्तारी तो अभी शेष है. कोतवाली थाने में दर्ज प्रकरण में पुलिस इन आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.

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Published : Apr 7, 2021, 6:44 AM IST

chittorgarh jail break
चित्तौड़गढ़ जेल में हुई थी प्रदेश की सबसे बड़ी फरारी

चित्तौड़गढ़. फलौदी जेल ब्रेक मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस घटना के बाद जेलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आई है. वहीं, यह प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी फरारी की घटना बताई जा रही है. प्रदेश की सबसे बड़ी फरारी चित्तौड़गढ़ जिले के जिला कारागृह में हुई थी. यहां वर्ष 2010 में 18 फरवरी को सुबह के समय योजना बना कर 23 बंदी फरार हुए थे. यहां जेल स्टाफ के साथ मारपीट की गई थी.

सुबह के समय ठेकेदार जब राशन सामग्री लेकर आया और जेल का गेट खुला तब मौका देख कर बंदियों ने यहां मौजूद जेलकर्मियों को बंदी बना लिया था, मारपीट की तथा एक के बाद एक 23 बंदी फरार हो गए थे. जिस तरह फलौदी जेल के बाहर कार तैयार थी, उसी तर्ज पर चित्तौड़गढ़ जिला जेल के बाहर भी योजना वाले बनाने वाले बन्दियों के लिए कार तैयार थी. इस मामले में कोतवाली थाने में 95/10 में विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था.

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जानकारी में सामने आया है कि 23 बन्दियों में से 6 बंदी अब भी फरार हैं, जिनमें से दो तो चित्तौड़गढ़ जिले के भी हैं. लेकिन अब तक पुलिस इन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है. करीब 11 वर्ष में पुलिस 15 बंदियों को गिरफ्तार कर पाई है. फरारी में लिप्त मंदसौर जिले में रहने वाले सुंदरलाल की बीमारी से तथा बाड़मेर जिले में रहने वाले हेमराज जाट की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इस मामले में पहली बार में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं, एक के बाद एक कर कुल 15 बन्दियों की गिरफ्तारी हुई है. वहीं, लंबे समय से पुलिस इस मामले में कोई नई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है. चित्तौड़गढ़ जेल में जब फरारी की घटना हुई तो प्रदेश के तत्कालीन जेल मंत्री व जेल विभाग के कई उच्च अधिकारी चित्तौड़गढ़ जिला जेल पहुंचे थे. फरारी की घटना के बाद यहां सुरक्षा को लेकर कई सुधार हुए हैं. अब 11 वर्ष बाद जहां जोधपुर के फलौदी में फरारी की घटना हुई है तो चित्तौड़गढ़ जिले में हुई फरारी की घटना पुनः चर्चा में आ गई है.

अब भी इनकी गिरफ्तारी शेष...

चित्तौड़गढ़ जिला जेल से हुई फरारी में शेष रहे बन्दियों की गिरफ्तारी को लेकर कोतवाली थाने से जानकारी ली गई. इसमें सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिले में बेगूं के सलावट मोहल्ला निवासी मोहम्मद असलम, बेगूं के पाड़ावास निवासी कैलाश पुत्र धन्ना, एमपी में नीमच जिले के बघाना थाना क्षेत्र में रहने वाले ईश्वरसिंह, नागौर जिले में गुढ़ा भगवानदास निवासी किशोर जाट, यूपी के बदायूं जिले के बिसौली निवासी हेतराम सोनी व अख्तर पुत्र इस्माइल निवासी सिगर थाना पुन्हाना, जिला मेवात हरियाणा की गिरफ्तारी अब भी शेष है.

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