चित्तौड़गढ़.जिले में भाजपा से कपासन नगर पालिका अध्यक्ष मंजू देवी सोनी को स्वायत्त शासन विभाग ने निलंबित कर दिया है. उन्हें नियम विरुद्ध दूसरी बार नगर पालिका अध्यक्ष का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर पालिका को करीब सवा लाख रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में निलंबित किया गया. इससे पहले भाजपा के ही नगर पालिका अध्यक्ष दिलीप व्यास को भी पद के दुरूपयोग के आरोप में हटा दिया गया था.
उसके बाद मंजू देवी का निर्वाचन हुआ था. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव ह्रदेश कुमार शर्मा ने एक आदेश जारी करके मंजू देवी को निलंबित किया है. वहीं इस कार्रवाई को मंजू देवी ने लोकतंत्र का गला घोंटने वाला बताया है. निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष मंजू देवी सोनी के खिलाफ विभाग को शिकायत मिली थी, जिसमें बताया गया कि अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद दो बार शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए गए. दूसरा समारोह भाजपा का कार्यक्रम बताया गया, जिस पर नगर पालिका की ओर से 1 लाख 25 हजार 8 रूपये खर्च हुए. अपने आदेश में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ने कहा कि इसकी जांच उपनिदेशक क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग उदयपुर से करवाई गई. इस मामले में पालिका अध्यक्ष को सुनवाई का अवसर दिया गया, लेकिन उन्होंने आज तक उसका कोई जवाब नहीं दिया.
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जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो गई. जांच के दौरान सामने आया कि विधिवत पदभार ग्रहण 13 फरवरी 2021 को आयोजित हुआ. इसके कुछ दिनों बाद ही 6 मार्च को दुबारा शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया, जो कि विधि के अनुकूल नहीं है. अधिशाषी अधिकारी या सक्षम अधिकारी की बिना स्वीकृति या कार्यादेश के किसी भी कार्यक्रम की व्यवस्था अध्यक्ष की ओर से अपने स्तर पर नहीं की जा सकती.
आरोप है कि नगर पालिका अध्यक्ष मंजू देवी सोनी की ओर से बिना किसी की स्वीकृति लिए उक्त आयोजन पर 1 लाख 25 हजार 8 रुपए का भुगतान कराया गया. इसे अधिशाषी अधिकारी की ओर से भी प्रमाणित नहीं किया गया था, जो कि एक प्रकार से वित्तिय अनियमितता एवं नियम विरुद्ध है. इसका परीक्षण विभाग की ओर से वित्तिय सलाहकार से भी करवाया गया, जिसमें इसे वित्तिय अनियमितता माना गया. जांच के आधार पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(6) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजू देवी सोनी को सदस्य एवं अध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया गया.
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दोनों ही अध्यक्ष भेंट चढ़ेः कपासन नगर पालिका बोर्ड जब से बना है, तभी से सुर्खियों में रहता आया है. तत्कालीन पालिकाध्यक्ष दिलीप व्यास को भी पद के दुरूपयोग के आरोप में सरकार की ओर से हटाया गया था. उसके बाद हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में मंजू देवी निर्वाचित हुई. पूर्व पालिकाध्यक्ष दिलीप व्यास के कामकाज को लेकर भी विभिन्न आरोप लगते रहे थे. जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि के बाद सरकार ने दिलीप व्यास को हटा दिया था.
इनकी खिली बांछेंःनगर पालिका अध्यक्ष मंजू देवी सोनी को हटाने के साथ ही कांग्रेस पार्षदों की बांछें खिल गई. पालिका बोर्ड में वर्तमान में 25 सदस्यों में से 13 भाजपा और 12 कांग्रेस के हैं. गौरतलब है कि कपासन नगर पालिका अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है.
सोनी ने बताया झूठा आरोपः इस बीच सरकार की इस कार्रवाई को लेकर मंजू देवी सोनी ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि उन्होंने नियमों के तहत ही सारे काम करवाए. सरकार केवल झूठे आरोप लगाकर मुझे हटाना चाहती थी और इनके बूते मुझे हटा भी दिया. सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र का गला घोंटने वाला है. सूत्रों की मानें तो निवर्तमान पालिका अध्यक्ष की ओर से इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञों की भी सलाह ली जा रही है.