चित्तौड़गढ़.जिले के भैंसरोडगढ़ पुलिस थाने में एक कॉन्स्टेबल की ड्यूटी के दौरान गोली लगने से मौत हो गई. सर्विस राइफल के चलने से उसकी मौत हुई. सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत मौके पर पहुंचे. कॉन्स्टेबल लंबे समय से ट्रांसफर करवाने की कोशिश में जुटा था, लेकिन राजनीतिक दबाव में ट्रांसफर नहीं हो पा रहा था. इसी बात को लेकर वह डिप्रेशन में था. उसी को लेकर उसके आत्महत्या करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है.
पुलिस के अनुसार गंगापुर सिटी करौली निवासी 30 वर्षीय चेतराम पुत्र बद्री लाल गुर्जर की पहरे पर ड्यूटी थी. पपला गुर्जर कांड के बाद से एनडीपीएस गंभीर अपराध के आरोपियों को हथियारबंद पहरे में रखने के निर्देश हैं. पुलिस थाने में एनडीपीएस के दो आरोपी रखे हैं, ऐसे में नेतराम की राइफल के साथ ड्यूटी थी. वह सुबह 4:15 तक ऑनलाइन था लेकिन अचानक वायरलेस रूम से गोली चलने की आवाज सुनकर थाने का स्टाफ दौड़ा तो देखा कि नेतराम खून से लथपथ होकर गिरा पड़ा था. उसके सीने में गोली लगी थी. जिससे उसकी पीठ का हिस्सा बिखर गया था. थाना प्रभारी मोहर सिंह भी पहुंचे और उसे हॉस्पिटल ले गए परंतु वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
एफएसएल, एमओबी मौके पर :इसकीसूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत तत्काल मोके के लिए रवाना हो गए. इस बीच रावतभाटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुभाष मिश्रा, रावतभाटा के थाना प्रभारी रजनीश गुर्जर पहले से ही मौके पर पहुंच गए. पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि यह आत्महत्या का मामला था या फिर नेतराम किसी हादसे का शिकार हुआ. पुलिस अधीक्षक सहित अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले. कोटा और चित्तौड़गढ़ से एफएसएल टीमों के साथ एमओबी और डॉग स्क्वायड टीम मौके पर पहुंच गई. इस मामले से संबंधित तथ्यों को एकत्र करने में जुट गई है. थाना प्रभारी मोहर सिंह के अनुसार मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद की इस मामले में कुछ कहा जा सकेगा.