कपासन (चित्तौड़गढ़).जिले के कपासन में हो रहे सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन में सोमवार को 20 युगल ने सात जन्मों तक एक साथ रहने के लिए परिणय सुत्र में बंधे. वहीं 19 जोड़ों ने निकाह कबूल किया. साथ ही इन जोड़ो के विदाई समारोह में गीता और कुरान भेंट कर नवविवाहित युगल को विवाह स्थल से विदा किया.
सामूहिक विवाह सम्मेलन में 39 जोड़ें एक डोर में बंधे बता दें कि साबरी एकता वेलफेयर सोसायटी के तत्वाधान में स्थानीय हजरत दीवाना शाह दरगाह परिसर में सर्व धर्म सामुहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन के अंतर्गत दो अलग-अलग पांडाल में कुल 39 जोड़े विवाह सूत्र में बंधे. साथ ही एक पांडाल में पंडित मनोहर महाराज के सानिध्य में विवाह पांडाल के बाहर तोरण और वरमाला की रस्म अदा की गई. इसके पश्चात 12 पंडितों की ओर से वैदिक मंत्रोचार के साथ विधि विधान के साथ हिन्दू रीति रिवाज से 20 जोड़ो को परिणय सुत्र में बांध कर सात जन्मों के लिए एक-दूसरे के साथ रहने के वचन लिए.
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वहीं, दूसरे पांडाल में मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार शहर काजी मोहम्मद सईद और दरगाह पेश इमाम अब्दुल सत्तार ने निकाह की रस्म अदा कराई, इसमें 19 जोड़ो का निकाह करवाया गया. दुल्हा-दुल्हनों से निकाह नामे पर हस्ताक्षर भी करवाये गये. इस सम्मेलन के आयोजकों की ओर से नवविवाहित युगल को दहेज में पंलग आलमारी, कूलर सहित रसोई के सामान और सोने के लौंग,कानो की बालियां, चांदी की पायल और बिछियां उपहार में दिए गए.
इसके बाद विदाई समारोह का आयोजन किया गया. विदाई समारोह में सोसायटी की ओर से अतिथियों ने परिणय-सूत्र में बंधे सभी हिन्दू जोड़ों को धार्मिक पुस्तक गीता और निकाह करने वाले जोड़ो को कुरान शरीफ भेंट कर अपने-अपने धार्मिक ग्रंथ पढ़ कर उसका अनुसरण करने का आग्रह किया गया. साथ ही सभी जोड़ों को एक-एक आवासीय भूखंड देने की घोषणा भी की गई. साथ ही सोसायटी के तत्वाधान में विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र और उपहार की रस्में भी अदा की गई.