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हरा-भरा राजस्थान : तुलसी, पीपल और बरगद का है विशेष महत्व...भीलवाड़ा में लोगों ने पौधे लगाकर बताई इसकी जरूरत

पौधे पर्यावरण के लिए वरदान हैं. हिंदू धर्म में तुलसी, बरगद, पीपल और कल्पवृक्ष जैसे पौधों का विशेष महत्व है. इन पौधों की सदियों से पूजा की जाती है. इसलिए आज भी हिंदू परिवारों में इन पौधों को पर्यावरण की दृष्टि और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए जाते हैं.

भीलवाड़ा में लोगों ने पौधे लगाकर बताई इसकी जरूरत

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Published : Jul 11, 2019, 6:21 PM IST

भीलवाड़ा. ईटीवी भारत की ग्रीन भारत मुहिम में हिंदू धर्म में पेड़-पौधों के विशेष महत्व को लेकर पंडित राजेश जोशी से इन पौधों के धार्मिक महत्व की राय जानने की कोशिश की गई. सब जानते हैं कि पेड़-पौधों से पर्यावरण और हमारे को जीवन मिलता है. मगर इन पौधों का धार्मिक महत्व भी बहुत है. वहीं पेड़ पौधों से हमें कई जड़ी बूटी और दवाइयां मिलती हैं.

सदियों से पेड़ मनुष्य को सब कुछ देते आया है. फल, लकड़ियां, छाया और औषधि के रूप में मनुष्य वनस्पति का उपयोग करता आया है. पौराणिक काल में ऋषि मुनि पेड़ों के नीचे बैठकर तपस्या करते थे. मगर आज भौतिक युग में हम सब जीवन दाता को भूलकर प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं. इसलिए आज विषम हालात बन गए हैं.

भीलवाड़ा के प्रसिद्ध ज्योतिषी राजेश शर्मा ने कहा कि पेड़ों का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है. हिंदू धर्म के लोगों को पीपल, बरगद, तुलसी, कल्पवृक्ष और सफेद आंकड़े के पौधे अधिक से अधिक लगाने चाहिए. पंडित जोशी ने कहा कि ईटीवी भारत ने अनुकरणीय पहल की है. इसकी उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि इस वर्षा ऋतु में इन पौधों को अधिक से अधिक घर में लगाने से सुख, शांति और समृद्धि मिलती है और उन्होंने इस मुहिम के साथ जोड़ते हुए यह मंदिर में पहुंच रहे उनके अनुयायियों को भी ईटीवी भारत की पहल के साथ जोड़ने के लिए कहा और उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक इन पौधों को लगाना चाहिए जिससे घर में सुख शांति रह सकें.

भीलवाड़ा में लोगों ने पौधे लगाकर बताई इसकी जरूरत

उन्होंने तुलसी के महत्व को बताते हुए कहा कि जब समुंद्र मंथन हुआ था. तब खुशी के आंसू छलके थे उन्हीं खुशी के आंसुओं के कारण अमृत कलश में गिरने से तुलसी पैदा हुई. वहीं पीपल में भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है इसलिए प्रत्येक हिंदू धर्म के अनुयायियों को इस वर्षा ऋतु में अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए. वहीं मंदिर पहुंच रहे अनुयायियों ने भी ईटीवी भारत की पहल की प्रशंसा करते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाने का संकल्प लिया.

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