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पहली गहलोत सरकार ने निकाले थे आदेश...21 साल हो गए, आज भी चयनित शिक्षक मांग रहे नियुक्ति...

चयनित अभ्यर्थी 21 साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. ये शिक्षक पिछले पांच दिनों से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

चयनित शिक्षकों की गहलोत सरकार से नियुक्ति की मांग

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Published : Jun 11, 2019, 7:10 PM IST

जयपुर.शिक्षक भर्ती 1998 में चयनित शिक्षक गहलोत सरकार से नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनके नियुक्ति आदेश भी गहलोत सरकार नहीं निकाले थे. अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर चयनित शिक्षक पिछले पांच दिनों से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि इन शिक्षकों को अपनी नियुक्ति का इंतजार करते हुए 21 साल हो चुके हैं. इसके बावजूद भी इनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है.

साल 1998 में सरकार ने जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. भर्ती के बाद कैलाश चंद्र बनाम राजस्थान सरकार के मामले में उच्च न्यायालय ने ग्रामीण व जिले के 15% बोनस अंक हटाते हुए नए सिरे से मेरिट निर्धारित करते हुए नियुक्ति आदेश जारी किए थे. परंतु सरकार ने नए सिरे से मेरिट सूची नहीं बनाई, बल्कि अधिकारियों ने अपने लोगों को नियुक्ति दे दी. इसके कारण कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल गई और जिनके अधिक अंक आये थे. वे आज भी नियुक्ति के लिए की ठोकरें खाने पर मजबूर है और 21 साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. अधिक अंक वालों ने अपनी नियुक्ति के लिए हर सरकार के सामने गुहार लगाई. लेकिन, किसी भी सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की.

सरकार ने निकाले दो बार आदेश
सरकार ने इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 1 जुलाई 2003 और 1 मार्च 2006 को दो बार नियुक्ति आदेश भी जारी किए. परंतु यह आदेश हवा हो गए. इसी बीच उनकी फाइलें इधर-उधर घूमती रही. लेकिन, किसी ने भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया.

चयनित शिक्षकों की गहलोत सरकार से नियुक्ति की मांग

संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पालीवाल ने बताया कि नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 5 दिन से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर भीषण गर्मी में भी धरना प्रदर्शन कर रहे है.

कब होगा न्याय मुख्यमंत्री जी
शिक्षक भर्ती 1998 में चयनित शिक्षक अपने हाथ में बैनर लिए हुए थे. जिस पर लिखा था कि कब होगा न्याय मुख्यमंत्री जी. सभी चयनित अभ्यर्थी 21 साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. इस दौरान इन्हें कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले भी इन अभ्यर्थियों ने अपनी नियुक्ति के लिए प्रदर्शन किया था. लेकिन, अभी तक सरकार ने कोई कार्यवाही नही की.

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