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जालोर में करोड़ों खर्च कर लगाए गए आरओ प्लांट खराब....लोगों को नसीब नहीं हो रहा शुद्ध पानी

खारे पानी और फ्लोराइड का दंश झेल रहे जालोर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. जालोर जिले के गांवों में करोड़ों रुपए खर्च करके आरओ प्लांट लगाए गए थे लेकिन आरओ प्लांट ज्यादातर खराब पड़े हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है.

जालोर में करोड़ों खर्च कर लगाए आरओ प्लांट पड़े हैं खराब

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Published : Jun 2, 2019, 5:09 PM IST

जालोर.जिले के कई गांवों में करोड़ों रुपए खर्च करके आरओ प्लांट लगाए गए थे. जो अभी खराब पड़े हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों को इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. वहीं आरओ प्लांट लगाने वाली कंपनियां भी अपना पैसा जलदाय विभाग से लेकर चली गई.

बता दें कि जिले भर में नकारा पड़े आरओ प्लांट की देखरेख नहीं करने वाली कंपनियों को विभाग ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया, लेकिन दूसरी बार समय पर टेंडर नहीं होने के कारण गांवों में लगे आरओ प्लांट भगवान भरोसे पड़े हैं.

जालोर में करोड़ों खर्च कर लगाए आरओ प्लांट पड़े हैं खराब

पहले फेज के 35 प्लांट खराब

जालोर में पहले फेज में 39 आरओ प्लांट स्वीकृत हुए थे. जिसमें अभी मात्र 4 चल रहे हैं. 35 आरओ प्लांट बंद पड़े हैं. जिसको विभाग शुरू नहीं करवा पा रहा है. कई बार ग्रामीणों ने आरओ प्लांट को शूरु करवाने की मांग की, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया.

कई सालों से बंद आरओ प्लांट, लेकिन अधिकारी नहीं दे रहे है ध्यान

मीठा पानी उपलब्ध करवाने के लिए जालोर में पहले चरण में 39 आरओ प्लांट लगाए गए थे, जिनमें 35 आरओ प्लांट 2016 में खराब हो गए जो अभी तक खराब पड़े हैं. इन आरुओ प्लांट को ठीक करने के लिए लगाने वाली एजेंसी को जलदाय विभाग ने नोटिस दिए, लेकिन कंपनी ने काम नहीं किया. जिसके बाद जलदाय विभाग ने आरओ प्लांट लगाने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया और दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू की, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में ठेकेदारों ने हिस्सा नहीं लिया. इसके चलते यह भी काम नहीं आया. इसके बाद दूसरे चरण में जालोर में 114 आरओ प्लांट लगाए गए. वहीं तीसरे चरण में 89 आरओ प्लांट लगाए. इसमें विभाग 15 प्लांटों के शुरू करने का दावा कर रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर आरओ प्लांट खराब पड़े हैं.

ग्रामीणों को मजबूरी में डलवाने पड़ रहा है टैंकर

जिले में ज्यादातर गांवों में पेयजल आपूर्ति गड़बड़ाई हुई हैं. लोगों को पीने के पानी के लिए 700 से 800 रुपये में पानी के टैंकर डलवाने पड़ रहे है, लेकिन जलदाय विभाग पानी की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है. इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करवाया, लेकिन अभी तक किसी ने इस समस्या के समाधान को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है.

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