कर्नल सोनाराम चौधरी ने 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा को ज्वॉइन किया था. भाजपा ने जसवंत सिंह का टिकट काटकर कर्नल सोनाराम को टिकट दिया था और सोनाराम 80,000 से ज्यादा मतों से जीत गए थे. 5 साल के कार्यकाल की बात करें तो सड़क, बिजली, हवाई सेवा, ओवर ब्रिज, चिकित्सा, शिक्षा, गैस कनेक्शन सहित कई योजनाओं में कर्नल सोनाराम चौधरी ने हजारों करोड़ों रुपए का काम अपने लोकसभा क्षेत्र में करवाया है. जिसके चलते लोग उनकी तारीफ भी करते हैं.
क्या है पहचान
राजस्थान में बड़े कद्दावर जाट नेता के रूप में छवि है. ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी पकड़ और उनका बेबाक वक्ता और लंबा राजनीतिक अनुभव के साथ ही किसानों में गहरी पैठ है. हाल ही में विधानसभा चुनाव में जिला मुख्यालय की बाड़मेर विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली है.
विकास कार्य जो क्षेत्र में लेकर आए
- जैसलमेर में हवाई सेवा शुरू की तो वहीं बाड़मेर में हवाई सेवा का कार्य प्रगति पर है.
- पंडित दीनदयाल विद्युतीकरण योजना से जिलेभर की इकाइयों को विद्युत से जोड़ा गया जो कि आमतौर पर देखा गया है कि 70 सालों से लोग बिजली से वंचित हैं. ऐसे हजारों परिवार इस बार बिजली का कनेक्शन मिला.
- बाड़मेर और जैसलमेर दोनों जिला मुख्यालय पर पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलवाया. जिससे यहां के लोगों को जोधपुर के चक्कर काटने अब नहीं पड़ रहे हैं.
- बाड़मेर के बालोतरा में 2 ओवर ब्रिज स्वीकृत कराए जिसके टेंडर प्रक्रिया जारी है.
- राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तारीकरण, बागुंडी-बाड़मेर 166 करोड़, पचपदरा-दवा 121 करोड़, जैसलमेर बाड़मेर 207 करोड़, बाड़मेर गांधव 177 करोड़ के साथ सहित कई अन्य सड़कों के कार्य सांसद ने अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान करवाएं
- प्रधानमंत्री की सबसे लोकप्रिय योजना उज्जवला योजना में बाड़मेर जिले में 2,76,000 गैस कनेक्शन गरीब परिवारों को मिले
- वहीं सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है कि रेगिस्तान के इलाकों में सरस्वती नदी की खोज केंद्र सरकार के सहयोग से जारी हैं. वहीं सूखा बंदरगाह को लेकर भी अभी कार्य जल्द शुरू होने वाला है.
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बाड़मेर-जैसलमेर में 58,682 आवास बनवाए. जिसकी लागत करीब 870 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
- बिजली के नाम पर अपने कार्यकाल में 1000 करोड़ से ज्यादा का निवेश बाड़मेर जैसलमेर किया गया. इसके साथ ही इनके कार्यकाल के दौरान बाड़मेर जैसलमेर बालोतरा आदर्श रेलवे स्टेशन के रूप में बनाया गया.
- बॉर्डर पर भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 35 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए.