श्रीगंगानगर. जिले में गुरूवार दोपहर को लालेवाला गांव के रहने वाले मनीराम मेघवाल के घर में रखे मटके का पानी पीने से घर के पांच सदस्यों की अचानक तबीयत खराब हो गई. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर मनीराम मेघवाल की 53 वर्षीय पत्नी सुशीला देवी को इलाज के लिए श्रीगंगानगर लाया जा रहा था तभी उसने रास्ते में दम तोड़ दिया.पानी पीने से बीमार हुए मनीराम मेघवाल उसके दो पुत्र और उनकी 2 पुत्र वधुओं की तबीयत खराब होने से उन्हें इलाज के लिए श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है.
गौरतलब है कि सुशीला की मौत की सूचना जब पीर पक्ष को मिली तो वहां से लगभग 10 लोग देर रात लालेवाला उनके घर पहुंचे. जहां प्यास लगने पर उनको भी रात करीब एक बजे उसी मटके से पानी पीने को दिया. जिसके थोड़ी देर बाद उनकी भी तबीयत बिगड़ गई. बाद में सभी को गंगानगर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां डाक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है.
गंगानगर में दूषित पानी पीने से एक महीला की मौत उधर निजी अस्पताल में भर्ती मनीराम मेघवाल, उनके पुत्र और पुत्रवधू के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. जिला अस्पताल के पीएमओ जेएस कामरा ने बताया कि शुक्रवार सुबह 3 महिला और 6 पुरुष तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए हैं. पीएमओ ने बताया कि यह लोग गुरुवार रात को लालेवाला गांव में महिला की मौत होने पर संस्कार में शामिल होने के लिए आए थे, जहां उन्होंने एक मटके से पानी पिया. जिसके बाद 5 लोगों को उसी समय उल्टी आने लगी.
पीएमओ ने बताया कि जिस मटके से पहले घर के सदस्यों ने पानी पिया था. उसमें से एक महिला की मौत हो गई है. वहीं पानी पीने से बिगड़ी तबीयत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती हुए 9 लोगों की तबीयत अब पहले से ठीक है और अस्पताल में इलाज चल रहा है.
उधर घटना के बाद मौके पर पहुंची घमुड़वाली पुलिस ने मटके से पानी के सैंपल लेकर एफएसएल जांच के लिये भेजे हैं. लालेवाला गांव के सरपंच तेजेंद्र सिंह ने बताया कि मनीराम मेघवाल के घर पर रखे मटके में गुरूवार दोपहर को खाना खाने के बाद घर के छह सदस्यों ने पानी पिया, जिसके बाद सभी को उल्टियां होने लगी. इलाज के लिए गंगानगर ले जाते समय मनीराम मेघवाल की पत्नी सुशीला की मौत हो गई. घटना के बाद लालेवाला गांव में मातम पसरा हुआ है. वहीं जलदाय विभाग पर भी दूषित पानी सप्लाई को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.