जयपुर. प्रदेश में में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर विवाद खत्म ही नहीं हो रहा. इस बार सरकार ने आठवीं कक्षा की अंग्रेजी की किताब में बदलाव किया है. जिसमें रानी के साथ अन्य वीरांगनाओं के साथ जौहर करने की चित्रों को किताब से हटा दिया गया है. इस चित्र की जगह किताबों में दुर्ग का फोटो दिखाई देगा.
पाठ्यक्रम में बदलाव पर शिक्षा मंत्री डोटासरा का बयान इस विवाद पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जौहर करना हमारे कानून में अपराध है. भाजपा सरकार ने सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए जौहर जैसे चित्रों के साथ कहानियों को पाठ्यक्रम में जोड़ा था लेकिन क्या हम इस तरह की जौहर की कहानियां पढ़ा के बच्चों को जौहर करने के लिए मजबूर कर सकते हैं.
डोटासरा ने कहा कि क्या हमारी बहन, मां ,बेटियों को जोहर के लिए प्रेरणा देना चाहिए जो कानून में अपराध है. उसके बारे में बच्चों को किताबों में कैसे पढ़ा सकते हैं. बच्चों को वह चीजें पढ़ाई जानी चाहिए जिससे कि वह देश का विकास और अपने खुद का विकास कर सकें, ना कि ऐसी चीजें करें. उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए जौहर और सती का महिमामंडन करना गलत था. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने शिक्षाविदों से इस बारे में राय ली है और उनसे जो सुझाव मिले हैं. उन सुझावों के आधार पर जोहर जैसे चित्र है किताबों से हटाया है.
हम आपको बता दें कि पिछले दिनों संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर काफी विवाद हुआ था. जिसके बाद भाजपा सरकार ने कई राज्यों में पद्मावती की कहानी को पाठ्यक्रम में जोड़ने का निर्णय लिया था लेकिन अब शिक्षा विभाग ने इसे हटा दिया है. दरअसल प्रदेश में सती कानून बनाया हुआ है. इस कानून के तहत जौहर को कानूनी अपराध के रूप में माना गया है. इससे पहले जब सती कानून बना था. उस वक्त प्रदेश में राजपूत समाज द्वारा इस कानून के विरोध में एक बड़ा आंदोलन किया गया था. सरकार और सामाजिक संगठनों ने शक्ति को आत्मदाह की श्रेणी मानते हुए कानूनी अपराध घोषित किया था तो ही राजपूत समाज ने इसे जोहर को मान सम्मान किस श्रेणी में रखा था.