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शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का पूर्व शिक्षा मंत्री पर हमला...कहा- आरएसएस की पर्ची पर बदला था पाठ्यक्रम

राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ पाठ्यक्रमों में बदलाव को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले अकबर महान को लेकर, तो फिर वीर सावरकर को लेकर विवाद खत्म नहीं हुआ था कि एक बार फिर हल्दीघाटी का युद्ध का जिन बोतल से बाहर निकल आया है.

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Published : May 14, 2019, 2:30 PM IST

Updated : May 14, 2019, 7:37 PM IST

पाठ्यक्रम में बदलाव पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का बयान

जयपुर. प्रदेश में पाठ्यक्रमों में बदलाव का दौर जारी है. नए सिलेबस आने के साथ विवाद और बढ़ गया है. सरकार पर आरोप लग हैं कि सिलेबस में कई बदलाव किए हैं. जिसमें हल्दीघाटी का जिक्र भी है. हल्दीघाटी युद्ध को लेकर एक तरफ कक्षा सातवीं के बच्चे पढ़ेंगे की महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के युद्ध में विजय हुए थे तो वहीं 12वीं के बच्चे पढ़ेंगे कि महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के युद्ध में पराजित हो गए थे.

इस मामले पर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से खास बातचीत की गई तो उन्होंने साफ कहा कि सरकार ने शिक्षाविदों से राय लेकर पाठ्यक्रमों में बदलाव किया है. हमारे किसी भी सिलेबस में कोई एजेंडा नहीं है. पिछली भाजपा सरकार ने पाठ्यक्रम को प्रयोगशाला बना दिया था. वह अपने एजेंडे के जरिए बच्चों को शिक्षा के पाठ पढ़ाना चाहती थी.

पाठ्यक्रम में बदलाव पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का बयान

डोटासरा ने कहा कि शिक्षा हमारा बुनियादी ढ़ांचा है. बच्चों को वही पढ़ाया जाना चाहिए जो इतिहास में सही है. 2014 में उस समय के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी जी को सपना आया या फिर आरएसएस पर्ची आई कि सावरकर जी के बारे में लिख दीजिए, महान कौन थे उनके बारे में लिख दीजिए और उन्होंने पाठ्यक्रमों में बदलाव कर दिया.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप ने जो लड़ाई लड़ी, वो धर्म युद्ध नहीं था. वो सत्ता का संघर्ष था. सत्ता के लिए महाराणा प्रताप ने लड़ाई लड़ी है और महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा ,उनका लड़कपन और उनके बलिदान को आने वाली पीढ़ी पढ़े, इसको लेकर हमने शिक्षाविदों से राय ली है और महाराणा प्रताप की जीवनी से लेकर उनके संघर्ष को और उनके शौर्य को अपने पाठ्यक्रम में जोड़ा है.

डोटासरा ने कहा कि इतिहास के पन्नों में बीजेपी ने राजनीति लाभ लेने के लिए बदलाव किए हैं. हमने पाठ्यक्रम में देश की आजादी में जिन-जिन का भी योगदान रहा उनके बारे में जोड़ा है. बीजेपी ने सिर्फ हिंदू-मुस्लिम करके और अपने केसरी ब्रांड को प्रमोट करके झंडे को बुलंद करने का काम किया है. मोदी, अमित शाह मौजूदा चुनाव के अंदर सेना में शहीदों के पीछे चुनाव लड़ रहे हैं .

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हमने पाठ्यक्रम में इस बात पर फोकस नहीं किया कि विजय किसकी हुई और किसकी नहीं हुई. हमने फोकस किया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने किस तरह से शौर्य की गाथा रची ,उस गाथा को हम बच्चों को पढ़ा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने जब भी पाठ्यक्रम में संशोधन करती थी तो अपने छुपे हुए राजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए आर एस एस की विचारधारा के लिए बदलाव करती थी.

डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा इतिहास बनाने में विश्वास करती है, तोड़ मरोड़ कर पेश करने में नहीं. हमने आजादी से लेकर अब तक जितनों का भी इसमें योगदान रहा है,उनके बारे में पाठ्यक्रम में जोड़ा है. जबकि बीजेपी की कोशिश रही है कि किस तरह से देश को हिंदू-मुस्लिम में बांटा जाए, किस तरह से केसरिया को ब्रांड बनाया जाए. डोटासरा ने कहा कि बीजेपी तो कल पैदा हुई है. यह तो झूठ और जुमलेबाजी की सरकार है .यह कब से इतिहास के बारे में बात करने लगी . शिक्षा मंत्री ने कहा कि हल्दीघाटी युद्ध में विजय किसकी हुई किसकी नहीं हुई यह विषय वस्तु नहीं है. महाराणा प्रताप का जोश ,बलिदान और उनका लड़कपन है जो हमारे इतिहास में दर्ज है. वह हम बच्चों को पढ़ा रहे हैं ताकि बच्चों में उनके शौर्य की भावना पैदा हो.

Last Updated : May 14, 2019, 7:37 PM IST

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