जयपुर. पहले पाठ्यक्रम को लेकर और अब शिक्षकों के तबादले को लेकर सियासत गरमा गई है. लगातार शिक्षकों को राहत देने वाली कांग्रेस सरकार ने अब भाजपा राज में तबादलों की गली निकाल कर आए शिक्षकों को बड़ा झटका दिया है. प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार देर शाम जारी हुए आदेश से लगभग 3600 शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है.
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि जिन शिक्षकों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया, उनको वापस मूल विभाग में भेजा जाएगा. तबादलों के बाद भी ऑनलाइन कार्य ग्रहण नहीं करने वाले लगभग 500 शिक्षकों के अब कांग्रेस सरकार तबादले रद्द करेगी. जबकि शिक्षा विभाग के आदेशों को दरकिनार कर पुराने पदों पर जमे 3100 शिक्षकों को अब वापस अपने मूल स्थान पर जाना होगा. शिक्षा विभाग के इस आदेश से शिक्षकों पर बड़ी खलबली मच गई है.
600 शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
ऐसे शिक्षक जिनका तबादला कहीं महीना हो गया. लेकिन अभी तक ऑनलाइन कार्य ग्रहण नहीं किया है. इन शिक्षकों का तबादला निरस्त हो गया है. प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या 500 से अधिक है. इन शिक्षकों को वापस अपने मूल स्थानों पर जाना होगा. शिक्षा विभाग ने अब ऐसे शिक्षकों को वेतन भी जारी नहीं करने के आदेश दिए हैं. छह माह तक अपने पद पर कार्य ग्रहण नहीं करने के कारण वैसे भी तबादले रद्द होने का नियम है.
प्रारंभिक शिक्षा में 625 से अधिक ऐसे शिक्षक है, जिनका प्रारंभिक से 6 डी के तहत माध्यमिक सेटअप में भेजने के आदेश हो चुके हैं. लेकिन पिछली भाजपा सरकार ने कई जिलों में अपने चहेते शिक्षकों को बड़ी राहत दे दी. इस कारण 625 शिक्षक अभी भी प्रारंभिक शिक्षा में जमे हुए हैं. कांग्रेस सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए इनको माध्यमिक शिक्षा में भेजने की तैयारी कर ली है. वहीं अब तक हुई लापरवाही पर भी सख्त रुख अपना लिया है.
ग्रामीण और शहरी शिक्षकों को भी वोट बैंक का जरिया बनाने का बड़ा उदाहरण सामने आया है. पिछली सरकार के प्रारंभिक शिक्षा विभाग के 7636 शिक्षकों में से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत 5089 शिक्षकों को तो माध्यमिक शिक्षा में भेज दिया गया. लेकिन 2500 से अधिक शिक्षक अभी भी शहरी क्षेत्रों में जमे हुए हैं. जबकि इन शिक्षकों का भी दूसरे स्कूलों में जाना तय था. इनको भी विभाग ने पुराने आदेशों के तहत भेजने की तैयारी कर ली है.
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि भाजपा सरकार ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए पद नहीं होते हुए भी सैकड़ों शिक्षकों के आनन-फानन में तबादले कर दिए थे. शिक्षा के ढांचे को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने ये निर्णय लिया है कि जिन शिक्षकों का 6 महीने पहले स्थानांतरण हो चुका है. और आज की तारीख में भी उन्होंने ऑनलाइन जॉइन नहीं किया है तो उनका तबादला निरस्त किया जाता है.